Last Updated: Wednesday, October 9, 2013, 08:50
नई दिल्ली : न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल ने मंगलवार को आश्वस्त किया कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में जांच ढकोसला नहीं होगा। उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुद्गल की अध्यक्षता में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति आज गठित की।
मुद्गल ने कहा, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह ढकोसला नहीं होगा। फिलहाल मुझे जांच का दायरा क्या होगा वह मेरे पास नहीं है और वह मिलने के बाद मैं और कुछ कह सकता हूं। मुद्गल ने याद दिलाया कि जांच उच्चतम न्यायालय ने गठित की है, न कि बीसीसीआई ने। क्रिकेट से प्रेम करने वाले न्यायाधीश ने इस बात बात का भी संकेत दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो समिति भारतीय क्रिकेट बोर्ड में किसी से भी पूछताछ कर सकती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता और अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एन नागेश्वर राव और असम क्रिकेट संघ के सदस्य निलय दत्ता नव गठित जांच समिति के दो अन्य सदस्य हैं और मुद्गल को उनकी विश्वसनीयता पर कोई संदेह नहीं है। न्यायालय ने जांच समिति से चार महीने के भीतर जांच पूरी करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई और श्रीनिवासन को जांच में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने कहा कि समिति गुरूनाथ मेयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के मालिकों के खिलाफ जांच करेगी और गलती करने वाली आईपीएल फ्रेंचाइजी के खिलाफ रिपोर्ट दायर करेगी। न्यायालय ने कहा कि एन श्रीनिवासन बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर तब तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकते हैं, जब तक कि वह आईपीएल से जुड़े किसी भी मामले को नहीं देखें। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 9, 2013, 08:50