Last Updated: Monday, November 25, 2013, 18:17

नई दिल्ली : उमेश यादव फिर से भारतीय टीम में वापसी करके राहत महसूस कर रहे हैं लेकिन वह इससे भी अधिक खुश इसलिए हैं क्योंकि भारत के दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरे के दौरान जहीर खान भी जूनियर गेंदबाजों की मदद के लिये मौजूद रहेंगे।
विदर्भ के 26 वर्षीय गेंदबाज ने कहा, जहीर का युवा खिलाड़ियों पर बहुत अधिक प्रभाव रहा है। वह हमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की छोटी छोटी चीजों से अवगत कराने में सक्षम हैं। मैंने उनसे तेज गेंदबाजी पर ढेर सारे उपयोगी टिप्स लिये हैं और जाक से बेहतर रिवर्स स्विंग कोई नहीं करा सकता है। वह हमारे लिये सलाहकार जैसे है और उनके साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा, मैच की परिस्थितियों के हिसाब से जहीर की सलाह अमूल्य होती है और उन्हें विरोधी बल्लेबाजों के मजबूत और कमजोर पक्षों को पढ़ने में महारत हासिल है। भारत की तरफ से नौ टेस्ट और 26 वनडे खेलने वाले यादव को भारतीय टेस्ट टीम में चयन का पूरा विश्वास था लेकिन छोटे प्रारूप में वापसी सोने पर सुहागा जैसा है।
इस तेज गेंदबाज ने कहा, मुझे विश्वास था कि मेरा टेस्ट श्रृंखला के लिये चयन हो जाएगा लेकिन वनडे के लिये मुझे पूरा विश्वास नहीं था। मैं वास्तव में खुश हूं कि चयनकर्ताओं ने वनडे टीम में भी मुझे मौका देकर मुझ पर भरोसा दिखाया है। यादव ने भारत की तरफ से आखिरी मैच पिछले जुलाई में वेस्टइंडीज में त्रिकोणीय श्रृंखला में खेला था। इसके बाद एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्राफी में लचर प्रदर्शन के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
उन्होंने कहा, टीम से बाहर किये जाने को लेकर मेरी कोई शिकायत नहीं है। ईमानदारी से कहूं तो मैंने चैलेंजर सीरीज के दौरान वास्तव में अच्छी गेंदबाजी नहीं की थी और यह सही फैसला था। मेरी गेंदबाजी में कुछ कमियां थी और मुझे उनमें सुधार करने की जरूरत थी।
यादव ने अपनी गेंदबाजी में जो खास दिक्कत आ रही थी उसके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ‘‘तेज गेंदबाज के लिये उसका वह हाथ भी महत्वपूर्ण होता है जिससे वह गेंदबाजी नहीं करता है। कोचों से बात करने के बाद मुझे अहसास हुआ कि गेंद करते समय मेरे बायें हाथ की पोजीशन दिक्कत पैदा कर रही है। बायां हाथ सीधा होना चाहिए था। जैसे ही यह हवा में रहेगा गेंद की लंबाई बिगड़ जाएगी। मेरे साथ यही हो रहा था।
उन्होंने कहा, एरिक सर (भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच एरिक सिमन्स) ने सबसे पहले मुझे इस बारे में बताया। जब मैं टीम से बाहर रहा तो मैंने सुब्रतो सर (पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज सुब्रतो बनर्जी) के साथ इस पहलू पर काम किया।
भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में होने के बावजूद यादव पर गलतियां करने का आरोप लगता रहा लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपनी तेजी से कोई समझौता नहीं करेंगे। इस तेज गेंदबाज ने कहा, किसी भी कोच ने मुझसे तेजी में कमी करने के लिये नहीं कहा और मेरे मन में भी ऐसा विचार नहीं आया। यदि मैं बहुत तेजी से गेंद को स्विंग कर सकता हूं तो यह मेरे लिये फायदे वाली बात होगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 25, 2013, 18:12