Last Updated: Tuesday, April 8, 2014, 19:12
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि आगामी चार मई को भोले बाबा के धाम केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद वहां एक दिन में एक हजार श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति दी जायेगी ।
रावत ने यहां संवाददाताओं से एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि किसी भी आपात स्थिति में भ्रम की स्थिति से बचने के लिये गढ़वाल हिमालय की उंची पहाड़ियों पर स्थित केदारनाथ मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की खबर रखने के मकसद से उनका बायोमीट्रिक रजिस्ट्रेशन भी किया जायेगा ।
पिछले साल आयी भीषण प्राकृतिक आपदा में केदारनाथ तथा उसके आसपास के क्षेत्र में भयंकर तबाही मची थी और जान माल का भारी नुकसान हुआ था । मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिये सुगम तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रयास किये जा रहे हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है ।
रावत ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एयरलिफ्ट करने के लिये व्यवस्थायें रहेंगी जबकि भूस्खलन की नजरिए से संवेदनशील स्थानों पर फंसने वाले लोगों को वहां से निकालने के लिये पर्याप्त वाहनों और राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स के जवानों की तैनाती की जायेगी । उन्होंने कहा कि सालाना तीर्थयात्रा शुरू होने से काफी पहले ही चारधाम यात्रा मार्गो को दुरूस्त कर लिया जायेगा ।
अगले महीने की दो तारीख को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा शुरू हो जायेगी । केदारनाथ मंदिर के कपाट जहां चार मई को खुलेंगे, वहीं बदरीनाथ मंदिर के द्वार अगले दिन यानी पांच मई को खोले जायेंगे ।
चारधाम यात्रा को प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस यात्रा को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिये । उन्होंने इस संबंध में राजनीतिक दलों से अपने दलगत हितों से उपर उठने की आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें सुगम तीर्थयात्रा के संचालन के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सकारात्मक सहयोग देना चाहिये। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 8, 2014, 19:12