रणवीर फर्जी मुठभेड़ मामला: 18 पुलिसकर्मी दोषी साबित

रणवीर फर्जी मुठभेड़ मामला: 18 पुलिसकर्मी दोषी साबित

रणवीर फर्जी मुठभेड़ मामला: 18 पुलिसकर्मी दोषी साबितनई दिल्ली : देहरादून के एक जंगल में करीब पांच साल पहले एक एमबीए छात्र की फर्जी मुठभेड़ में गोली मारकर हत्या के सिलसिले में दिल्ली की एक अदालत ने आज उत्तराखंड पुलिस के 18 कर्मियों को दोषी ठहराया। इनमें से सात को हत्या तथा 10 को आपराधिक साजिश एवं अपहरण सहित विभिन्न अपराधों में दोषी ठहराया गया है।

गाजियाबाद के रहने वाले 22 साल के रणवीर सिंह की अपहरण कर हत्या कर दी गयी थी। वह नौकरी की तलाश में देहरादून गया था। दोषी करार दिये जाने के बाद एक पुलिसकर्मी को बरी कर दिया गया क्योंकि वह अपेक्षाकृत कम अपराध के लिए जेल की सजा पहले ही काट चुका है।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश जे पी एस मलिक ने उत्तराखंड पुलिस की इस कहानी को खारिज कर दिया कि मेरठ विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई करने वाला रणवीर 3 जुलाई, 2009 को दो अन्य लोगों के साथ बाइक पर जा रहा था ओर उसने राष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर हो रही जांच के लिए रोके जाने पर एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीन ली थी। सजा पर दलीलें शनिवार यानी सात जून को सुनी जाएंगी।

हत्या के लिए दोषी ठहराये गये लोगों में उप निरीक्षक संतोष कुमार जायसवाल, गोपाल दत्त भट्ट (थाना प्रभारी), राजेश बिष्ट, नीरज कुमार, नितिन चौहान, चंद्रमोहन सिंह रावत एवं कांस्टेबल अजीत सिंह शामिल हैं।

न्यायाधीश ने कहा, ‘आरोपियों 1 से 7 (संतोष, गोपाल, राजेश, नीरज, नितिन, रावत और अजीत) को आईपीसी की धारा 302 के तहत धारा 120बी के तहत तथा आईपीसी की धारा 364 के साथ धारा 120बी के तहत दोषी ठहराया जाता है।’ जसपाल सिंह गोसाईं के अलावा अन्य सभी 17 पुलिसकर्मियों को छात्र के अपहरण एवं हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, June 6, 2014, 16:28

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