Last Updated: Sunday, June 1, 2014, 13:32
नई दिल्ली : दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने सह जीवन के दौरान जन्म लेने वाली सात वर्षीय पुत्री का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में पिता को पांच साल की कैद की सजा सुनायी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार जैन ने तिमारपुर निवासी इस व्यक्ति को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) कानून और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराते हुये जेल की सजा दी।
अदालत ने कहा कि अपने बच्चों, विशेष रूप से पुत्री, को संरक्षण प्रदान करना व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है लेकिन इस मामले में उसने पुत्री से अपनी हवस पूरी करने का रास्ता चुना।
न्यायाधीश ने कहा, कोई संदेह नहीं है कि दोषी पीड़ित का पिता है जो इस घटना के वक्त सात साल की थी। पीड़ित का पिता होने के नाते यह दोषी का कर्तव्य था कि वह ऐसी किसी भी घटना से उसे संरक्षण प्रदान करता लेकिन उसने खुद ही पीड़ित से अपनी हवस पूरी की।
न्यायाधीश ने कहा, दोषी ने पोक्सो कानून के तहत प्रदत्त अपराध ही नहीं किये बल्कि उसने पीड़ित के उस भरोसे को भी ठेस पहुंचाई जो उसने पिता होने के नाते उसमें व्यक्त किया था। अदालत ने इस व्यक्ति को किसी को इसकी जानकारी नहीं देने के लिये बच्ची को धमकी देने का भी दोषी ठहराया और उस पर दस हजार रूपए का जुर्माना किया।
अभियोजन के अनुसार यह व्यक्ति और बच्ची की मां पिछले 14 साल से सह जीवन व्यतीत कर रहे थे लेकिन उन्होंने शादी नहीं की थी। इस सहजीवन से उन्हें इस बच्ची सहित चार बच्चे हुये। अभियोजन के अनुसार 2012 में यह महिला अपने बच्चों के साथ मायके गयी क्योंकि यह व्यक्ति अक्सर उसकी पिटाई करता था। इस वारदात से कुछ दिन पहले नवंबर, 2012 में यह व्यक्ति बच्चों को घर वापस ले आया था।
यह नाबालिग लड़की जब अपनी मां के पास लौटी तो उसने उससे कहा कि वह उसे पिता के घर नहीं भेजे। पूछताछ करने पर बच्ची ने बताया कि इस प्रवास के दौरान पिता ने उसका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान इस व्यक्ति ने दावा किया कि महिला ने उसे इस मामले में झूठा फंसाया है।
अदालत ने इस दलील को ठुकराते हुये उसे दोषी ठहराया और कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि इस व्यक्ति ने लड़की का यौन उत्पीड़न ही नहीं किया जो घटना के वक्त 12 साल से कम उम्र की थी बल्कि उस बच्ची से उसका अपना खून का रिश्ता था।
अदालत ने हालांकि इस व्यक्ति को इस कानून के तहत अधिकतम सात साल की सजा यह कहते हुये नहीं दी कि उसने पिता के पास नाबालिग के पांच रात के प्रवास के दौरान सिर्फ एक रात ही उसका उत्पीड़न किया और बाकी समय उसे ठीक से रखा था।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, June 1, 2014, 13:32