Last Updated: Friday, November 15, 2013, 23:59

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के घनिष्ठ सहयोगी और राज्य के पूर्व मंत्री अमित शाह पर 2009 में एक युवती की अवैध तरीके से निगरानी के लिए सत्ता और पुलिस मशीनरी का दुरपयोग करने का आरोप लगा है।
शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया गया जहां आधे घंटे से अधिक समय की टेलीफोन बातचीत की रिकार्डिंग भी जारी की गई जो कथित तौर पर शाह और गुजरात के आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल के बीच हुई बताई जाती है। खोजी पत्रकारिता के लिए मशहूर पोर्टल ‘कोबरा पोस्ट’ और ‘गुलेल’ ने इशरत जहां मामले में सीबीआई के समक्ष ये रिकार्डिंग जमा किए जाने का दावा किया है।
हालांकि दोनों वेबसाइटों की ओर से यह भी कहा गया कि इस समय गुलैल और कोबरापोस्ट द्वारा स्वतंत्र रूप से इन आरोपों का सत्यापन कर पाना संभव नहीं है। संभवत: अगस्त और सितंबर, 2009 के बीच टैप की गई बातचीत में प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार मोदी के नाम का उल्लेख नहीं है, लेकिन वेबसाइट कहती है कि बातचीत सुनने के बाद इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता कि इस ऑपरेशन में शामिल लोग किसी ‘साहब’ को जानते थे’’ जिनके कहने पर कथित जासूसी की जा रही थी।
दोनों पोर्टलों ने दावा किया है कि मोदी ने बेंगलूर से आई और पेशे से आर्किटेक्ट इस महिला से भावनगर नगर निगम के एक सार्वजनिक समारोह में 2005 में मुलाकात की थी। लड़की के माता-पिता गुजरात में रहते थे। हालांकि लड़की के पिता ने एक बयान में कहा है कि उनकी बेटी बेंगलुरु में रहती थी और अहमदाबाद आई थी क्योंकि उसकी मां की सर्जरी होनी थी। उसे अस्पताल और पास स्थित एक होटल के बीच किसी भी वक्त आना-जाना पड़ता था जो उनके लिए चिंता की वजह थी। इसलिए उन्होंने मौखिक रूप से मोदी से लड़की की देखभाल करने का अनुरोध किया था। उन्होंने मोदी के साथ अपने पुराने पारिवारिक रिश्ते बताए। लड़की के पिता ने हैरानी जताते हुए कहा कि कुछ निहित स्वार्थ वाले लोग इस संबंध में मीडिया से संपर्क साध रहे हैं। भाजपा के सूत्रों ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि लड़की के पिता ने पहले ही बयान जारी कर दिया है।
संवाददाता सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता और एनएसी की पूर्व सदस्य अरणा रॉय, वकील प्रशांत भूषण और पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास भी उपस्थित थे। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि अमित शाह को स्पष्ट करना चाहिए कि ‘साहब’ कौन हैं और उन्हें महिला में ‘इतनी दिलचस्पी’ क्यों थी। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि सीबीआई पहले से ही इशरत जहां मुठभेड़ मामले में जांच कर रही है इसलिए उसे मामले का संज्ञान लेना चाहिए और तफ्तीश करनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 15, 2013, 23:59