Last Updated: Tuesday, December 3, 2013, 17:44
भोपाल : यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी की 29वीं बरसी पर मंगलवार को गैस पीडितों ने पुराने भोपाल में रैलियां निकाली, सभायें की और अपनी मांगों के समर्थन में वारेन एंडरसन के पुतले फूंककर अपने गुस्से का इजहार किया। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड सयंत्र में दो तीन दिसंबर 1984 की रात मिथाइल आइसो सायनेट :मिक: का रिसाव हुआ था, जिसके चलते 15 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई तथा पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हो गए थे।
यूनियन कार्बाइड परिसर के आसपास आज सुबह से ही आपाधापी की स्थिति थी और वहां अनेक स्थानों पर गैस पीडित संगठनों द्वारा सभायें की जा रहीं थी, जबकि छोटे छोटे बच्चे अपने अपने हाथों में एंडरसन के पुतले जलाने में व्यस्त थे। हालांकि, यह बात दूसरी है कि बच्चों को यह तक नहीं मालूम था कि वे किसका पूतला फूंक रहे हैं लेकिन वे अपने खेल में व्यस्त थे। एक बच्चे हमीद ने पूछने पर कहा कि वह साथियों के साथ ‘एंडोरी’ :एंडरसन: का पुतला जला रहा है, जबकि दूसरे सुरेश का कहना था कि उसे नहीं मालूम कि किसका पुतला है।
दूसरी तरफ पुराने भोपाल में स्थित यादगारे शाहजहानी पार्क में आयोजित एक सभा में भोपाल गैस पीडित महिला उद्योग संगठन के समन्वयक अब्दुल जब्बार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में समुचित मुआवजे को लेकर लंबित याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिये अतिरिक्त रुप से याचिका लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड :डाव केमिकल्स: द्वारा भोपाल के पर्यावरण को पहुंचाई गई क्षति के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की शरण ली गई है। जब्बार ने कहा कि उनका संगठन राहत एवं पुनर्वास कार्यो में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग करता है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य का विषय है कि विश्व के भीषणतम हादसों में शुमार इस घटना में आज तक कोई व्यक्ति जेल तक नहीं गया है। जब्बार ने कहा कि इस मामले में भोपाल के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा सात जून 2010 को कुछ लोगों को दो दो सालों की सजा सुनाई गई थी। लेकिन सजा सुनाए जाने के एक घंटे के भीतर ही सभी आरोपियों को जमानत पर छोड दिया गया।
यादगारे शाहजहानी पार्क में सभा के बाद संगठन द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में विशान मानव श्रृंखला बनाई गई। भोपाल ग्रुप फार इन्फारमेशन एंड ग्रुप द्वारा यादगारे शाहजहानी पार्क से यूनियन कार्बाइड सयंत्र तक रैली निकाली गई जिसमें यूनियन कार्बाइड के पूर्व अध्यक्ष वारेन एंडरसन का विशाल पुतला आकर्षण का केंद्र था। उनकी मांग थी कि एंडरसन को भारत लाया जाये और उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
यूनियन कार्बाइड सहित अन्य स्थानों पर आयोजित सभाओं में वक्ताओं का आरोप था कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने गैस पीडितों के साथ अन्याय किया एवं झूठे आश्वासन दिए जबकि प्रभावितों के लिये कुछ नहीं किया गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 3, 2013, 17:44