Last Updated: Monday, November 18, 2013, 19:46

नई दिल्ली/हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के विभाजन से पूरे देश के लिए सुरक्षा चिंताएं बढ़ने की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री एन.किरण कुमार रेड्डी ने सोमवार को संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) से आग्रह किया कि वह पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में जीओएम से मुलाकात की और राज्य गठन का विरोध करते हुए कहा कि एक कमजोर राज्य कानून और व्यवस्था की नई समस्याएं पैदा करेगा।
जीओएम से मुलाकात के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विभाजन के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 के बाद से शांत नक्सली समस्या कमजोर सरकार के आने पर फिर अपना सिर उठा सकती है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा की चिंताएं न केवल तेलंगाना, सीमांध्र या हैदराबाद के लिए हैं वरन पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। जैसा कि प्रधानमंत्री कई मौकों पर कह चुके हैं कि नक्सलवाद देश की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और अन्य स्थानों पर नक्सलवादी नेताओं में आंध्र प्रदेश के लोगों की प्रमुखता है। यदि वे नियंत्रण से बाहर हो गए तो यह स्थिति खतरनाक होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य सुरक्षा समस्याओं में एक हैदराबाद को लेकर है जो आतंकवादी गुटों का निशाना बन चुकी है। शहर के और तेलंगाना तथा सीमांध्र के कुछ हिस्से सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील हैं। किरण रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना राज्य के निर्माण के स्थान पर क्षेत्र की बेरोजगारी, सिंचाई और बिजली की समस्या को हल करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाना चाहिए। एक समस्या को खत्म करने के लिए उससे बड़ी समस्या नहीं पैदा की जानी चाहिए। रेड्डी ने कहा कि विभाजन से दोनों राज्यों के बीच नदी जल विवाद पैदा होगा और किसान सबसे अधिक प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में उत्कृष्ट शिक्षा संस्थाओं से लेकर आईटी उद्योग तक सभी कुछ केंद्रित है और इससे सीमांध्र के लोगों को नुकसान होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 18, 2013, 19:46