Last Updated: Saturday, January 25, 2014, 18:36
हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरन कुमार रेड्डी ने केंद्र के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए आज आंध्र प्रदेश पुनगर्ठन विधेयक 2013 की वैधता पर सवाल उठाया। रेड्डी ने कहा कि यह न सिर्फ संसदीय प्रणाली का बल्कि देश के संविधान का भी उल्लंघन है।
रेड्डी ने शनिवार दोपहर विधानसभा में कहा, ‘राष्ट्रपति ने यह विधेयक राज्य विधायिका के पास भेजा है, इसमें कई गलतियां और खामियां हैं। केंद्र खुद ही स्पष्ट नहीं है कि क्या यह विधेयक का मसौदा है या वास्तविक विधेयक है।’ रेड्डी ने कहा, ‘विधेयक में विषय वस्तु और कारण, प्रस्ताव की गुंजाइश या वित्तीय ज्ञापन नहीं है। विधेयक में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वे (केंद्र) राज्य का विभाजन क्यों करना चाहते हैं।’
उन्होंने आश्चर्य जताया, ‘केंद्र द्वारा अपने विचार प्रकट किए बगैर हम विधेयक पर अपने विचार कैसे प्रकट कर सकते हैं।’ रेड्डी ने कहा कि शुरूआत में उन्होंने (केंद्र ने) इसे विधेयक कहा था। जब हमने स्पष्टीकरण मांगा तो केंद्रीय गृह सचिव ने जवाब दिया कि यह सिर्फ मसौदा विधेयक है। वे मसौदा विधेयक को राष्ट्रपति के पास कैसे भेज सकते हैं? उन्होंने संविधान के अनुच्छेद तीन का हवाला देते हुए कहा कि मसौदा विधेयक राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी मसौदा विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद उसे विधि मंत्रालय के पास भेजना चाहिए। विधि मंत्री द्वारा जांच किए जाने के बाद ही उसे कारण सहित राष्ट्रपति के पास भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र ने संसदीय कार्य प्रणाली के नियमों का उल्लंघन किया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 25, 2014, 18:36