Last Updated: Tuesday, February 18, 2014, 17:46
हैदराबाद : आंध्रप्रदेश के बुनियादी ढांचा और निवेश मंत्री जी श्रीनिवास राव ने राज्य के विभाजन के विरोध में मंगलवार को अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया जिसे पार्टी के लिए एक झटका माना जा रहा है।
राव ने यहां कहा, ‘(विभाजन का) फैसला लोगों की इच्छा के विरूद्ध किया गया और दिल्ली के नेता विधेयक को पारित कराने की कोशिश कर रहे हैं। विभाजन के संदर्भ में राज्य पुनर्गठन आयोग, न्यायिक आयोग की नियुक्ति या विधानसभा प्रस्ताव जैसी राष्ट्रीय नीति या प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था। उनमें से किसी का भी पालन नहीं किया गया।’
पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि केंद्र विधानसभा से तेलंगाना विधेयक के खारिज होने और दिल्ली में (आंध्रप्रदेश के) मुख्यमंत्री के धरने पर बैठने के बावजूद राज्य के विभाजन पर आगे बढ़ रहा है। राव ने केंद्रीय नेतृत्व पर कई मौके पर अपने वादे नहीं पूरा करने का आरोप लगाया जैसे ए के एंटनी आंध्रप्रदेश नहीं गए, मंत्रिसमूह ने ईमेल के माध्यम से मिले सुझावों और विधानसभा में आए संशोधन पर गौर नहीं किया।
उत्तर तटीय आंध्र में प्रभावशाली नेता राव 2009 में चिरंजीवी के प्रजा राज्यम (दल) के टिकट पर विशाखापत्तनम के अंकपल्ले से निर्वाचित हुए थे। प्रजा राज्यम का बाद में कांग्रेस में विलय हो गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 18, 2014, 17:46