Last Updated: Sunday, December 29, 2013, 11:30

नई दिल्ली : दिल्ली और आने वाले दिनों में शायद कहीं और की भी राजनीति में नयी इबारत लिखते हुए अरविंद केजरीवाल ने आज भ्रष्टाचार मुक्त सरकार और सत्ता के अहंकार से रहित एक नए अंदाज वाले प्रशासन का वादा करते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी रह चुके 45 साल के केजरीवाल ने ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा लोकपाल के लिए चलाए गए अभियान से अलग होकर आम आदमी पार्टी (आप) नाम का एक राजनीतिक दल बनाने वाले केजरीवाल की अगुवाई में उनकी पार्टी को हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में 70 में से 28 सीटें मिली।
स्थापित राजनीति में एक ‘बाहरी’ के तमगे के साथ सियासत के मैदान में उतरे केजरीवाल ने शपथ ग्रहण के कुछ ही देर बाद अपनी कैबिनेट की बैठक की और वीआईपी संस्कृति खत्म करने का फैसला किया। उन्होंने सुरक्षा, लाल बत्ती वाली कार और सरकारी बंगला लेने से मना कर सामान्य सरकारी फ्लैट में ही रहने का फैसला किया है। केजरीवाल की अल्पमत सरकार को 2 जनवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी-स्पीकर का चुनाव 3 जनवरी को होगा।
रामलीला मैदान में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में एक लाख से ज्यादा लोगों ने शिरकत की पर सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस के प्रमुख नेताओं, भाजपा के नेताओं के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी नहीं आयीं। रामलीला मैदान में केजरीवाल के लिए ‘‘आज मुख्यमंत्री, कल प्रधानमंत्री’’ के पोस्टर भी लोगों के हाथों में देखे गए।
केजरीवाल के साथ ‘आप’ के छह अन्य विधायकों - मनीष सिसोदिया, गिरीश सोनी, राखी बिड़ला, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती ने भी मंत्री पद की शपथ ली। सभी को उप-राज्यपाल नजीब जंग ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी । अपनी गांधी टोपी की ओर इशारा करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं एक आम आदमी हूं।’’ शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान केजरीवाल बाकी नेताओं की तरह कुर्ता-पायजामा में नजर नहीं आए बल्कि उन्होंने पैंट-शर्ट और नीली स्वेटर पहन रखी थी।
भाजपा नेता हषर्वर्धन, जो नयी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे, एकमात्र ऐसे बड़े नेता थे जो शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मौजूद थे। केजरीवाल ने उन्हें ईमानदार व्यक्ति करार देकर उनकी तारीफ की थी। जदयू विधायक शोएब इकबाल भी रामलीला मैदान में मौजूद थे। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्ट पार्टियों से अलग ‘आप’ एक जनहितैषी प्रशासन देने का वादा करके सत्ता में आयी है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘आज अरविंद केजरीवाल और दूसरे मंत्रियों ने शपथ नहीं ली है बल्कि दिल्ली की जनता ने शपथ ली है। पूरी लड़ाई अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने की नहीं है बल्कि यह दिल्ली के प्रशासन में बदलाव के लिए है।’’ दिल्लीवासियों के नये मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें इस बात का गुमान नहीं है कि हम सारी समस्याओं का समाधान रातोंरात कर देंगे। हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि आज सरकार बनी और आज ही सब समस्याएं हल हो जाएंगी। हमें मिलकर दिल्ली को चलाना पड़ेगा।’’ ‘आप’ नेता ने कहा कि भ्रष्ट ताकतें हमारे सामने अड़चनें लाएंगी। हमें इस तरह की खबरें भी मिल रहीं हैं। लेकिन सचाई का रास्ता कांटो भरा होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘फल तो हमारे हाथ में नहीं है लेकिन हे प्रभु हमें इतनी सद्बुद्धि, इतना साहस देना कि सचाई के रास्ते पर चलते रहें।’’ केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार रहे डॉ हषर्वर्धन अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन ‘मैं उनकी पार्टी के बारे में यह नहीं कह सकता।’ नये मुख्यमंत्री ने इन दोनों दलों समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से अनुरोध किया कि यदि उनकी अंतरात्मा उन्हें ईमानदारी के साथ देश सेवा करने के लिए कहती है तो वे अपनी पार्टियों को भूलकर आ जाएं और मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से देश में कुछ अद्भुत हो रहा है और उम्मीद जताई कि अगले पांच साल में देश फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा।
केजरीवाल ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों और सरकारी अस्पतालों की समस्याओं, जल, बिजली और सड़कों की बुरी हालत के पीछे अब तक की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि हम इस राजनीति को मिलकर साफ करेंगे। ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर केजरीवाल ने अपने मंत्रियों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि वे सत्ता के अंहकार में नहीं आएं। उन्होंने कहा, ‘‘आप पार्टी दूसरों का घमंड तोड़ने के लिए बनी है । कहीं ऐसा न हो कि हमारा घमंड तोड़ने के लिए किसी अन्य दल को पैदा होना पड़े।’’ दिल्ली विधानसभा में अगले सप्ताह होने वाले विश्वास मत प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को विश्वास मत गिरने या पारित होने की कोई परवाह नहीं है। ‘‘हम यहां सत्ता हथियाने नहीं आए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विश्वास मत प्रस्ताव में हम सफल होते हैं या असफल, अगर प्रस्ताव गिरता है तो हम फिर चुनाव के मैदान में उतरेंगे और जनता हमें भारी बहुमत के साथ जितायेगी।’’ केजरीवाल ने देश के बड़े राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश की राजनीति से सबकुछ बर्बाद कर दिया था। जनता निराश हो चुकी थी लेकिन इस चुनाव ने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा भी जा सकता है और जीता भी जा सकता है।
उन्होंने अन्ना हजारे के आंदोलन को याद करते हुए कहा कि ढाई साल पहले अन्ना ने जन लोकपाल के लिए 13 दिन तक अनशन किया था और दो साल तक अनशन, धरने, प्रदर्शन चलते रहे। लेकिन बाद में लगा कि राजनीति बदले बिना यह संभव नहीं है। आप नेता ने कहा, ‘‘अन्ना कहते थे कि राजनीति कीचड़ है इसमें घुसकर खुद को गंदा नहीं करना चाहिए। मैं उनसे कहता था कि कीचड़ में घुसकर ही हमें उसे साफ करना होगा।’’ नए मुख्यमंत्री ने दिल्ली में आप की सरकार के सामने आगे की चुनौतियां स्वीकार करते हुए कहा कि यह लड़ाई दिल्ली की डेढ़ करोड़ जनता की मदद से ही लड़ी जा सकती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 29, 2013, 11:28