लीक से हटकर शपथ ग्रहण करेंगे अरविंद केजरीवाल

लीक से हटकर शपथ ग्रहण करेंगे अरविंद केजरीवाल

लीक से हटकर शपथ ग्रहण करेंगे अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली : दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने जा रहे भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी काबिना के सदस्य रामलीला मैदान में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। इससे पहले एन टी रामाराव, रमण सिंह, नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार आदि भी राजभवन की बजाय जनता की भारी उपस्थिति में अपने अपने यहां के मैदानों में शपथ ले चुके हैं।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में 1977 में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार ने राजघाट पर शपथ ली थी। आम तौर पर प्रदेशों में राज्य सरकारों का शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में होता है और केन्द्र सरकार का राष्ट्रपति भवन में। ऐसे कुछ उदाहरण हालांकि हैं जिसमें कुछ मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्रियों के आग्रह पर लीक से हट कर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए गए।

आंध्र प्रदेश में तेलगु देशम पार्टी के एनटी रामाराव और कांग्रेस के वाईएस राजशेखर रेड्डी ने हैदराबाद के मशहूर लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में शपथ ली थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह एवं उनके मंत्रिमंडल ने पुलिस परेड ग्राउंड में शपथ ली, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल स्टेडियम, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ ली। इसी तरह से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता एवं उनके मंत्रिमंडल ने मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंटिनरी हॉल और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जम्बूरी ग्राउंड, भोपाल में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी।

केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने रामलीला मैदान में सरकार के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय किया है। यहीं से अन्ना हजारे ने जन लोकपाल अंदोलन को देश दुनिया के समक्ष जोरदार ढंग से आगे बढ़ाया था। उस समय केजरीवाल और उनकी टीम भी इस आंदोलन का हिस्सा थी। आठ दिसंबर को घोषित दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में ‘आप’ को 28 सीट मिलीं हैं और सत्ता गवां कर केवल 8 सीट पाने वाली कांग्रेस उसे बाहर से समर्थन दे रही है। भाजपा 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। ‘आप’ ने अपनी सरकार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए पहली प्राथमिकता जंतर मंतर बताया था।

विभिन्न विचारधाराओं एवं पृष्ठभूमि वाले दलों के संयोग से 1977 में गठित जनता पार्टी ने पहली बार देश के पैमाने पर जनता के समक्ष कांग्रेस का विकल्प प्रस्तुत किया था, जिसमें उसे भारी समर्थन भी मिला था। जनता पार्टी के मार्गदर्शक जयप्रकाश नारायण के सुझाव पर तब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने राजघाट पर शपथ ली थी। केन्द्र सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आम तौर पर राष्ट्रपति भवन के अशोक हाल में होता है। लेकिन पहले 1991 में चन्द्रशेखर ने और उसके बाद 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने वहां की बजाय राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ लेने का आग्रह किया। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 23, 2013, 19:09

comments powered by Disqus