अरविंद केजरीवाल 28 दिसंबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, बोले-पार्टी में कोई दरार नहीं

अरविंद केजरीवाल 28 दिसंबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, बोले-पार्टी में कोई दरार नहीं

अरविंद केजरीवाल 28 दिसंबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, बोले-पार्टी में कोई दरार नहींज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : कांग्रेस के 15 साल के शासन का अंत करते हुए आम आदमी पार्टी को अप्रत्याशित जीत दिलाने वाले अरविंद केजरीवाल शनिवार (28 दिसंबर) को ऐतिहासिक रामलीला मैदान में दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। यह रामलीला मैदान अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन का आयोजन स्थल रहा है।

पार्टी ने बुधवार को इसकी घोषणा की। आप के नेता कुमार विश्वास ने पत्रकारों को बताया कि हमने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि हम शनिवार, 28 दिसंबर को शपथ ग्रहण करना चाहते हैं, और उन्होंने हमें अपनी स्वीकृति दे दी। कुमार विश्वास ने आगे बताया कि शपथ ग्रहण समारोह शनिवार दोपहर 12.00 बजे आयोजित होगा।

केजरीवाल के घर पर हुई पार्टी नेताओं की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केजरीवाल इसके पहले गुरुवार को शपथ लेने वाले थे। जानकारी के अनुसार, केजरीवाल शनिवार को दोपहर 12 बजे रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। इसकी तैयारियां पहले से वहां चल रही हैं। उनके साथ पूरी कैबिनेट भी शपथ ग्रहण करेगी। गौर हो कि केजरीवाल मंत्रिमंडल में आप नेता मनीष सिसोदिया समेत छह लोग शामिल होंगे।

उधर, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से सरकार बनाने संबंधी दिल्ली के उप राज्यपाल का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। दिल्‍ली में अब `आप` की सरकार बनाने के प्रस्‍ताव को मंजूरी मिल गई। गौर हो कि दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल नजीब जंग ने राष्‍ट्रपति को इस आशय का प्रस्‍ताव भेजा था।

मेगसेसे पुरस्कार विजेता 45 वर्षीय केजरीवाल और छह अन्य आप विधायक इस सार्वजनिक समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे। इस समारोह में अन्ना हजारे, किरण बेदी, संतोष हेगड़े समेत उन सभी लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, जो भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन से जुड़े रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह की तिथि केजरीवाल और मुख्य सचिव डीएम सपोलिया की एक बैठक में तय की गई। केजरीवाल के साथ शपथ लेने वाले मंत्रिमंडल के मंत्रियों के नाम हैं- मनीष सिसौदिया, राखी बिरला, सोमनाथ भारती, सौरभ भारद्वाज, गिरीश सोनी और सतेंद्र जैन।

हरियाणा में जन्मे और उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में कौशांबी के निवासी अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी-खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। केजरीवाल ने तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 25 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। इससे पहले मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने मंत्री पदों के मुद्दे पर पार्टी में कोई दरार होने से इंकार कर दिया था। केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि ‘आप’ ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं बनाया है क्योंकि कांग्रेस की ओर से समर्थन ‘आप’ के 18 सूत्रीय एजेंडे पर आधारित था। कांग्रेस के बीच ‘आप’ को समर्थन देने के मुद्दे पर असहमति के स्वर उठते रहे हैं। केजरीवाल ने संकेत दिए कि प्रभार संभालने के ठीक बाद पार्टी के मुख्य वायदों को पूरा करने के लिए घोषणाएं की जाएंगी। इन वायदों में बिजली के बिलों में कटौती और निजी बिजली वितरण कंपनियों की ऑडिटिंग के निर्देश देना शामिल है।

संभावित मंत्रियों की सूची में अपना नाम न पाने पर लक्ष्मी नगर के विधायक बिन्नी केजरीवाल के घर में चल रही बैठक छोड़कर चले गए थे। इसके एक दिन बाद ही केजरीवाल ने कहा कि विधायक को मंत्री पद में कोई रचि नहीं थी। केजरीवाल ने कहा कि बिन्नी कल शाम को मेरे पास आए थे। उन्होंने मुझे बताया कि वे मंत्री पद नहीं चाहते और वे यहां एक अभियान के लिए हैं। बिन्नी ने कहा कि उन्होंने मीडिया को बता दिया है कि वे नाराज नहीं हैं। बिन्नी ने अपनी ओर से कहा कि वे नाराज नहीं हैं और पार्टी में कोई दरार नहीं है। बिन्नी ने बताया कि पार्टी और मेरे बीच कोई दरार नहीं है। ऐसा नहीं है कि मंत्री पद न मिलने पर मैं नाराज हुआ था।

केजरीवाल ने सोमवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की थी और कांग्रेस के बाहर से समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश करने वाला पत्र सौंपा था। इसके बाद, जंग ने आप के सरकार बनाने के दावे से जुड़ा प्रस्ताव राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजा था। राष्ट्रपति ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और भावी मुख्यमंत्री के साथ सलाह मशविरा करके शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय करने का काम उपराज्यपाल को सौंपा। दिल्ली सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि केजरीवाल से शपथ लेने की तारीख से सात दिन के अंदर सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा जाए। इसमें कहा गया कि भारत के राष्ट्रपति को आम आदमी पार्टी के विधायक दल के नेता अरविंद केजरीवाल को शपथ लेने की तारीख से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का मुख्यमंत्री नियुक्त करके प्रसन्नता हो रही है।

इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण के दिन से सिसौदिया, भारती, जैन, बिरला, सोनी और भारद्वाज को मंत्री नियुक्त किया। आप ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 28 सीटें जीती थीं और कांग्रेस का आंकड़ा केवल आठ पर सिमट गया था। भाजपा ने अकाली दल के साथ मिलकर 32 सीटों पर कब्जा किया था और उसने बहुमत नहीं होने का हवाला देते हुए सरकार बनाने से इंकार कर दिया था।

‘आप’ के नेता ने कहा कि वह उन छह विधायकों को दिए जाने वाले विभागों पर काम कर रहे हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिश उपराज्यपाल को भेजी गई है। केजरीवाल ने कहा कि उनका मुख्य ध्यान निजी बिजली वितरक कंपनियों की ऑडिटिंग और सभी घरों में 700 लीटर मुफ्त पानी की आपूर्ति पर है। उन्होंने कहा कि हम 24 घंटों के भीतर पानी की आपूर्ति पर काम करेंगे। हर कालोनी की अपनी समस्या है। हम बिजली दरों में कमी पर भी काम कर रहे हैं। केजरीवाल ने दोहराया कि उनकी पार्टी का किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं है। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के उन सभी कानूननिर्माताओं के साथ हैं, जिन्हें लगता है कि दिल्ली की समस्याओं को खत्म किया जाना चाहिए।

इस बीच, दिल्ली कांग्रेस के नवनियुक्त प्रमुख अरविंदर सिंह ने कहा कि आप को राजनीतिक दुश्मनी नहीं निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ‘आप’ दुश्मनी के साथ काम करने का प्रयास करती है तो हम निश्चित रूप से अपनी आवाज उठाएंगे। हम आप को समर्थन देने की समीक्षा नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने भी कहा कि पार्टी सरकार बनाने के लिए आप को अपने समर्थन के विषय से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम आगामी दिनों में आप के घोषणापत्र का समर्थन कर रहे हैं या जो कुछ हमने उपराज्यपाल से वादा किया है। पार्टी इसे निभाएगी।

First Published: Wednesday, December 25, 2013, 14:09

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