Last Updated: Wednesday, October 30, 2013, 10:57

नई दिल्ली : केदारनाथ मंदिर को भविष्य में किसी तरह की प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिये भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मंदाकिनी नदी का रुख बदलने का सुझाव दे रहा है क्योंकि उस क्षेत्र में नदी की तलहटी गांव की जमीन से ऊंची हो गई है।
जून में आई विनाशकारी बाढ के बाद मंदिर के जीर्णोद्धार का काम एएसआई को सौंपा गया है हालांकि मौसम इसमें लगातार बाधा बना हुआ है। संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमार कटोच ने कहा कि जीर्णोद्धार के साथ ही भविष्य में मंदिर को किसी भी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रखने के भी उपाय किये जाएंगे।
कटोच ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमारी रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ में नदी की तलहटी ऊंची हो गई है और ग्रामीण इलाके नीचे हो गए हैं। इसलिये हम नदी (मंदाकिनी) का रुख बदलने का सुझाव दे रहे हैं ताकि भविष्य में मंदिर को किसी प्राकृतिक आपदा की दशा में कोई नुकसान न हो या फिर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) या वन विभाग सलाह देगा कि कैसे इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार की समय सीमा तय करने से इनकार करते हुए कहा कि खराब मौसम के कारण बाहरी हिस्से का काम अगले साल ही शुरू हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि जीएसआई ने हमें रिपोर्ट दी है और हमारा मानना है कि जब तक मंदिर की नींव की स्थिति का पता नहीं चलता, हम बाहर से काम शुरू नहीं कर सकते लिहाजा हमने भीतर से काम शुरू कर दिया है जिसमें मंदिर की सफाई शामिल है। खराब मौसम के कारण काम मुश्किल हो गया है और फिलहाल कोई समय सीमा नहीं दी जा सकती कि यह काम कब पूरा होगा। अगले दो सप्ताह में वैसे भी वहां सब कुछ बंद हो जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 30, 2013, 10:57