Last Updated: Sunday, May 4, 2014, 11:31
ज़ी मीडिया ब्यूरोगुवाहाटी : असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय प्रशासन जिलों के दो जिलों में शनिवार को नौ और शव मिलने के साथ ही बीटीएडीसी में बृहस्पतिवार से एनडीएफबी- सोंगबजित के उग्रवादियों की हिंसा मरने वालों की संख्या 32 तक पहुंच गई। सूत्रों ने बताया कि इस आतंकी हमलों के डर से इलाके में करीब 40 हजार लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है।
राज्य सरकार ने इस हिंसा की एनआईए से जांच कराने का निर्णय किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बक्सा जिले के सालबाड़ी उपमंडल में मानस राष्ट्रीय उद्यान के पास खगड़ाबाड़ी गांव से चार बच्चों और दो महिलाओं समेत नौ शव मिले। बोडोलैंड के सभी क्षेत्रों- कोकराझार, चिरांग, बक्सा और सीमावर्ती क्षेत्रों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।
बृहस्पतिवार को बक्सा जिले के आनंद बाजार इलाके के करीब भारी हथियारों से लैस नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (सोंगबजित) एनडीएफबी-एस के उग्रवादी एक घर में घुस गए और एक ही परिवार के तीन सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी।
शुक्रवार को उग्रवादियों ने पड़ोस के कोकराझाड़ जिले के बालापार-आई गांव में अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे आठ लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। शुक्रवार रात गोलियों से छलनी 12 शव बरामद किए गए हैं। इनमें बक्सा जिले के नायंगुरी गांव और ननकखदरबारी से बरामद पांच महिलाओं और एक बच्चे का शव भी शामिल है, जहां उग्रवादियों ने करीब 100 से ज्यादा घरों और एक लकड़ी से बने पुल में आग लगा दी।
सूत्रों ने बताया कि बक्सा जिले के बासबारी में आज सुबह भीड़ ने वनरेंज कार्यालय को फूंकने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं। उसके बाद सैकड़ों लोग अपने घरों से चले गए और उन्होंने दो राहत शिविरों में शरण ली।
बीटीएडी के चार जिलों- बक्सा, कोकराझाड़, उदालगुरी और चिरांग में पहले दो प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने का फैसला किया।
गोगोई ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, एनआईए जांच करे कि कौन शामिल हैं। हिंसा के लिए जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, नहीं बख्शा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं पड़ोसी देश भूटान के साथ समन्वय कायम रखना चाहता हूं क्योंकि उग्रवादी यह अपराध करने के बाद वहां छिपे हो सकते हैं। यदि एनआईए आती है तो इसका पता लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बातचीत की है और सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो की कंपनी की मांग की है। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम की हिंसा की निंदा की है जिसमें कई अमूल्य जिंदगियां चली गयीं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। सिंह ने दुख और क्षोभ प्रकट किया और कहा कि ऐसे हमले हमारे नागरिकों के बीच भय और आतंक फैलाने के कायराना प्रयास हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ए पी राउत ने कहा कि केंद्र द्वारा भेजे गए अर्धसैनिक बलों की दस में छह कंपनियां असम में पहुंच गयी है और तीन कोकराझाड़ एवं दो बक्सा भेज दी गयीं है। उन्होंने बताया कि दूसरी कंपनी बीटीएडी के उदालगुरी जिले जा रही है। बीटीएडी के पुलिस महानिरीक्षक एल आर बिश्नोई ने कहा, आज हिंसक घटना की कोई खबर नहीं है और आज सुबह जो शव मिले वे कल की घटना में मारे गए थे।
जब उनसे पूछा गया कि क्या बीटीएडी में देखते ही गोली मार देने का आदेश दिया गया है, उन्होंने कहा, ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। ऐसे आदेश का कोई तुक नहीं है। उन्होंने बताया कि कोकराझाड़ और बक्सा जिलों में कल से लगाए गए कर्फ्यू आज दोपहर 12 बजे से चार घंटे की छूट दी गयी। सू़त्रों के अनुसार हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए सेना फ्लैग मार्च कर रही है। हिंसा के सिलसिले में 22 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
First Published: Sunday, May 4, 2014, 11:31