Last Updated: Saturday, November 9, 2013, 23:34

बिलासपुर : पूर्व उप-प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है कि आगामी आम चुनाव में तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की कोई सम्भावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की रुचि दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में है।
आडवाणी ने शनिवार को यहां लालबहादुर शास्त्री शाल के मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पहले से ही भाजपा की सरकारें बेहतर कार्य कर रही है। उन्हें पूरा यकीन है कि चारों राज्यों में भाजपा की सरकारें ही बनेगी।
आडवाणी ने कहा कि दुनिया के दूसरे लोकतान्त्रिक देशों में द्वि-दलीय प्रणाली है लेकिन भारत में बहु-दलीय प्रणाली के आधार पर ही केंद्र की सरकार चुनी जाती रही है। पिछले 20-25 सालों में भारतीय जनता पार्टी ने बेहतर कार्य करके ऐसी स्थिति निर्मित कर दी है कि राष्ट्रीय राजनीति अब द्वि-ध्रुवीय प्रणाली के रूप में विकसित हो गई है। एक ध्रुव कांग्रेस है तो दूसरा ध्रुव भाजपा।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से केंद्र में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें ही पांच वर्ष से ज्यादा समय तक चली है। इसलिए पूरे यकीन से कहा जा सकता है कि कांग्रेस और भाजपा के बगैर केंद्र में किसी तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की सम्भावना बिलकुल शून्य है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने भाजपा की ओर से घोषित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का भी जिR करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात में भाजपा की नीतियों के अनुरूप कार्य कर हैट्रिक बना ली है। उसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की सरकारों ने 10 वर्षों में अपने प्रदेश को विकास की उचाईयों तक पहुँचाया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चार राज्यों दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ को केंद्र में रखकर कार्य कर रही है और उन्हें पूरा यकीन है कि चारों राज्यों में भाजपा की सरकार बनेगी और शिवराज सिंह तथा रमन सिंह हैट्रिक लगाएंगे।
उन्होंने केंद्र की संप्रग सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमने पूरी शांति के साथ छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की थी लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार के पृथक तेलंगाना राज्य के फैसले पर रोज दंगे-फसाद हो रहे हैं।
आडवाणी ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु से लेकर मनमोहन सिंह तक देश के सभी प्रधानमंत्रियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए केंद्र की मनमोहन सरकार को सबसे खराब बताया। उन्होंने कहा कि एक अर्थशास्त्री होने के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। भ्रष्टाचार का बोलबाला है। प्याज सौ रूपए किलो मिल रहा है। महंगाई चरम पर है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 9, 2013, 23:34