Last Updated: Tuesday, June 3, 2014, 18:44

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बदायूं बलात्कार-हत्याकांड की सीबीआई जांच के निर्देश दिये जाने के आग्रह वाली जनहित याचिका पर वारदात की शिकार किशोरियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं इस मामले में दर्ज रिपोर्ट आगामी 9 जून को तलब की है। साथ ही अदालत ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश सम्बन्धी राज्य सरकार के आदेश की प्रति भी पेश करने को कहा है।
न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति शशिकांत की ग्रीष्म अवकाशकालीन खण्डपीठ ने यह आदेश ‘वी द पीपुल’ नामक संस्था की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में बदायूं के कटरा सादात में पिछले मंगलवार को दो लड़कियों की सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या किये जाने की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए जाने, आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ित परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराये जाने के निर्देश दिये जाने का आग्रह किया गया है।
अदालत ने मामले की शुरुआती सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के वकील को वारदात की शिकार लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सम्बन्धित प्राथमिकी की प्रति 9 जून को पेश करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही राज्य सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश सम्बन्धी आदेश भी तलब किया है।
याचिका दायर करने वाली संस्था के महासचिव प्रिंस लेनिन का तर्क था कि देश-विदेश तक चर्चित हुए बदायूं बलात्कार-हत्याकांड की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिये। याची वकील का यह भी आरोप था कि राज्य सरकार इस मामले में गम्भीरता से कार्रवाई नहीं कर रही है। लेनिन के मुताबिक राज्य सरकार की तरफ से इस कांड की सीबीआई जांच की सिफारिश किये जाने सम्बन्धी कोई लिखित आदेश पेश नहीं किया गया।
दूसरी तरफ राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार इस मामले में गम्भीरता से कार्रवाई कर रही है और सूबे के मुख्य सचिव समेत कई आला अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने अदालत को यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार ने पहले ही बदायूं कांड की सीबीआई से जांच कराये जाने की सिफारिश कर दी है, ऐसे में यह याचिका महत्वहीन हो गयी है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 3, 2014, 18:35