Last Updated: Tuesday, June 3, 2014, 13:49

बदायूं : उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ए. एल. बनर्जी ने आज कहा कि उन्होंने बदायूं बलात्कार-हत्याकांड की शिकार हुई लड़कियों के परिजनों से सीबीआई जांच की मांग लिखित रूप में ले ली है और आज ही यह जांच सम्बन्धी औपचारिक पत्र केन्द्र को भेज दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर यहां पहुंचे बनर्जी ने कहा कि उन्होंने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करने वाले परिवार से उनकी मांग लिखित में ले ली है। अब आज ही राज्य सरकार की तरफ से केन्द्र को सीबीआई जांच के लिये औपचारिक पत्र भेज दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिये सशस्त्र गार्ड लगाए जाएंगे और इच्छुक होने पर उन्हें शस्त्र लाइसेंस जारी किये जाएंगे। जांच के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि तफ्तीश इस सिलसिले में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर ही चल रही है। उन्होंने कहा कि वारदात की शिकार लड़कियों के चाचा बाबूराम ने आरोपियों को लड़कियों के साथ देखा था जिस पर उसकी उनके साथ झड़प हुई थी। आरोपियों ने हथियार दिखाकर उसे आतंकित किया था तब वह डर कर चला गया था।
बनर्जी ने बताया कि फिर परिवार के लोग एकत्र होकर पुलिस चौकी गये। वहां सिपाही सर्वेश यादव से बात हुई तो उसने कहा कि दोनों लड़कियों के शव बाग में लटके हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सामूहिक बलात्कार में पुलिस शामिल नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक पकड़ से बाहर दो अज्ञात लोगों के स्केच बाबूराम की मदद से बनवाये जाएंगे।
राज्य पुलिस के प्रमुख ने कहा कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिये डीजीपी मुख्यालय पर तीन सदस्यीय प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। अपर पुलिस महानिदेशक रैंक की सुतापा सान्याल, और पुलिस महानिरीक्षक रैंक की तिलोतमा वर्मा और तनुजा श्रीवास्तव इसकी सदस्य होंगी। यह कमेटी ऐसे मामलों पर गौर करेगी और अंकुश लगाने के लिये कार्रवाई करेगी। गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सादतगंज क्षेत्र में गत 27 मई की रात शौच के लिए गयी 14 तथा 15 वर्षीय चचेरी बहनों के शव अगली सुबह एक बाग में पेड़ पर फांसी से लटके पाये गये थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या किया जाने की पुष्टि हुई थी।
इस मामले में दो पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। उनमें से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बख्रास्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजनों को पूरी सुरक्षा तथा पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया था, जिसे परिजनों ने ठुकरा दिया था। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 3, 2014, 13:12