Last Updated: Sunday, February 16, 2014, 19:50

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा और उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए प्रदेश की जनता को उनसे सचेत रहने की नसीहत देते हुए रविवार को कहा कि ‘अफवाह मास्टर’ के चक्कर में पड़ने पर बिहार में विकास की गाड़ी पटरी से उतर जाएगी।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए जदयू द्वारा पटना जिला के दीदारगंज में आयोजित संकल्प रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने भाजपा और उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अफवाह मास्टर’ के चक्कर में पड़ने पर बिहार में विकास रूपी गाड़ी पटरी से उतर जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर हम लोगों ने कहीं चूककर दी और ‘अफवाह मास्टर’ लोगों के चक्कर में पड गए तो बिहार में विकास रूपी गाड़ी के पटरी के उतरने के साथ सब कुछ ठहर जाएगा। नीतीश ने कहा कि नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग कुर्सी की बात कर रहे हैं।
उन्होंने लोकसभा चुनाव पूर्व कराए गए सर्वे की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसी हवा बांध रहे हैं जैसे जीत रहे हों।..ऐसे बहुत हवा बांधने वाले लोग होंगे लेकिन यह देश चलेगा प्रेम और भाईचारे से, टकराव से नहीं चल सकता है।
नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने पर जदयू के पिछले वर्ष नाता तोड़ लेने पर भाजपा के जनमत के साथ विश्वासघात करने के आरोप के बारे में नीतीश ने कहा कि हमने विश्वास नहीं तोड़ा, विश्वसाघात उन लोगों ने किया जो रास्ते से भटक गए, उन्होंने जो वादा किया था कि उसे वे भूल गए। नीतीश ने कहा कि 17 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी का नेतृत्व था। समझौते के अनुसार विवादित मुद्दे और विवादित व्यक्तित्व (नरेंद्र मोदी) को अलग रखेंगे और काम चल रहा था। भाजपा से नाता तोड़ने के पूर्व बिहार में सत्ता में रहे भाजपा मंत्रियों के बारे में नीतीश ने कहा कि आज वे कैसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि आश्वासन भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया था।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि गडकरी मिलना चाहते हैं। नीतीश ने कहा कि समय तय हुआ, दिल्ली गए, मुलाकात हुई। उनको खबर भिजवा दी कि अब रोकना (नरेंद्र मोदी को) मुश्किल है तो विश्वास हमने तोड़ा की आपने (भाजपा) तोड़ा। उन्होंने कहा कि जब यह कहलवा भेजा गया कि रोकना मुश्किल है तो हमलोगों ने लाइन लिया कि साफ करे भाजपा, घालमेल न रखे और दीवार पर लिखी इबारत साफ दिख रही थी तो क्या हमलोग हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहते और कुर्सी के लिए अपने सिद्धांत के साथ समझौता करते।
भाजपा से अपने अलग होने के निर्णय के बारे में नीतीश ने कहा कि उन्हें मालूम था। इसका नतीजा, विशाल बहुमत को हमने साधारण बहुमत में परिणत कर दिया। हमने कुर्सी की परवाह नहीं की। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 16, 2014, 19:50