Last Updated: Tuesday, June 10, 2014, 17:15

शिमला: हिमाचल सरकार ने रविवार को ब्यास नदी में बह गए इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के परिजनों के लिए डेढ़ लाख रूपये तत्काल राहत की घोषणा की है । अब तक पांच शव निकाले जा चुके हैं और बाकी 19 लापता शवों की तलाश जारी है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने प्रत्येक मृतक के परिजन के लिए डेढ़ लाख रूपये मुआवजे की घोषणा की है और मृतक छात्रों के शव भेजने की भी व्यवस्था की है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहयोग मुहैया कराया है।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हिमाचल को एनडीआरएफ के बटालियन मुहैया कराए जाएं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिविजनल आयुक्त मंडी द्वारा दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और कहा कि जिन नदियों पर बांध बने हैं वहां की संवेदनशील जगहों की ‘तारबंदी’ की जाएगी ताकि लोग इन जगहों के नजदीक नहीं जाएं। इन जगहों पर चेतावनी सिग्नल के साथ साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे ।उन्होंने कहा कि अलार्म प्रणाली को ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा और लोगों को अलार्म के बारे में सूचित किया जाएगा ताकि वे आवश्यक एहतियात बरत सकें और किसी तरह का खतरा उठाने से बचें ।
गौर हो कि ब्यास नदी के किनारे फोटोग्राफी कर रहे हैदराबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज के 25 छात्र लारजी जल विद्युत परियोजना के जलाशय से अचानक पानी छोड़ने के कारण नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से बह गए । गोताखोरों और राफ्टरों के साथ बचाव टीमों ने हैदराबाद स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के लापता 19 छात्रों और एक टूर गाइड की तलाश में ब्यास नदी को खंगाला । ये लोग लारजी बांध से अचानक पानी छोड़े जाने से बह गए थे।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमों ने कल तीन लड़कियों सहित केवल पांच छात्रों के शव बरामद किए थे । कल घटनास्थल के पास से मिला अंतिम शव देबाशीष बोस का था । उसके माता पिता कल यहां पहुंच गए थे । एनडीआरएफ के 84 लोगों और 10 गोताखोरों की टीम ने आज सुबह ब्यास नदी में घटनास्थल थालोट से तलाशी अभियान चलाया । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 10, 2014, 17:15