Last Updated: Tuesday, October 22, 2013, 16:01
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश मामलों के सह प्रभारी रामेश्वर चौरसिया ने कहा है कि संत शोभन सरकार के शिष्य ओमजी महाराज की सच्चाई अब जनता के सामने आ चुकी है। संत शोभन को चाहिए कि वह ऐसे शिष्यों से दूर रहने की कोशिश करें, जो उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने में जुटे हुए हैं। चौरसिया ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि संत शोभन सरकार के शिष्य ओमजी की सच्चाई सबके सामने आ गई है। ओमजी जैसे लोग शोभन की प्रतिष्ठा दांव पर लगाने पर तुले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि संतों का काम राजनीति करना नहीं है, बल्कि पूजा-पाठ करना है। शोभन सरकार ने कहा था कि सरकार चाहेगी तो सेना की निगरानी में वह खुदाई कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन सरकार सेना भेजने पर तैयार नहीं हुई। साफ तौर पर यह कांग्रेस की सोची-समझी साजिश थी, जिसका इस्तेमाल कोयला घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए किया गया।
उन्होंने कहा कि संत शोभन सरकार की अपनी प्रतिष्ठा और मार्यादा है। कुछ लोग उनकी प्रतिष्ठा का इस्तेमाल अपने हक में करना चाहते हैं। कांग्रेस बहुत हद तक इसमें कामयाब रही है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में आधुनिक औजारों से खुदाई कर कुछ घंटों में ही सच्चाई का पता लगाया जा सकता था।
चौरसिया ने कहा कि संतों का काम राजनीति करना नहीं है। मोदी को पत्र लिखे जाने के बाद से ही ओमजी जैसे लोगों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हुआ। अब यह सच्चाई सबके सामने आ चुकी है कि वह कांग्रेसी रह चुके हैं। कांग्रेस ने उनका इस्तेमाल अपने हक में किया है।
उल्लेखनीय है कि नए खुलासे में यह बात सामने आई है कि संत शोभन सरकार के शिष्य ओमजी महाराज पूर्व में कांग्रेस के सदस्य रह चुके हैं और उनका असली नाम ओम अवस्थी है। वह मेरठ में कांग्रेस की युवा इकाई के पदाधिकारी भी रह चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 22, 2013, 15:54