बिहार में राजनीतिक संकट हुआ दूर, जीतन राम मांझी होंगे नए मुख्यमंत्री

बिहार में राजनीतिक संकट हुआ दूर, जीतन राम मांझी होंगे नए मुख्यमंत्री

बिहार में राजनीतिक संकट हुआ दूर, जीतन राम मांझी होंगे नए मुख्यमंत्रीपटना : बिहार के निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में दलित नेता जीतन राम मांझी को चुना है और अब वह प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे।

नीतीश सोमवार शाम जीतन राम मांझी और जदयू के शिष्टमंडल के साथ राजभवन गए और राज्यपाल डॉ डीवाई पाटिल के समक्ष नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।

नीतीश ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जदयू विधायक दल के नए नेता मांझी के नेतृत्व में सरकार गठित करने का दावा हम लोगों ने पेश कर दिया है और अब आगे की कार्रवाई राज्यपाल महोदय को करनी है।

उन्होंने बताया कि नई सरकार के गठन के लिए हमने जदयू के 117 विधायकों, दो निर्दलीय विधायकों तथा भाकपा के एक विधायक यानी कुल 120 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल सौंपा है।

239 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जदयू के 117 विधायक, भाजपा के 90, राजद के 21, कांग्रेस के चार, भाकपा के एक तथा छह निदर्लीय विधायक हैं। 68 वर्षीय मांझी बिहार के 23वें मुख्यमंत्री होंगे।

पिछले वर्ष 16 जून को भाजपा से नाता तोडने के बाद 19 जून को विश्वास मत हासिल करने के दौरान कांग्रेस के चार विधायकों ने नीतीश सरकार का समर्थन किया था और उसने अभी तक इस सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया है तथा कांग्रेस विधायक दल ने नई सरकार को समर्थन जारी रखने को लेकर निर्णय लेने के लिए पार्टी आलाकमान को अधिकृत किया है।

नीतीश ने कहा कि मांझी के नाम का जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने अनुमोदन किया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी सहित कुछ मंत्री मंगलवार को शपथ लेंगे। मांझी को उत्तराधिकारी चुनने के बारे में नीतीश कुमार ने उन्हें अनुभवी बताते हुए कहा कि पार्टी में उनका बड़ा योगदान है जिसे देखते हुए हम लोगों ने उन्हें नया नेता चुनने का निर्णय किया और वह बडी कुशलतापूर्वक सरकार को चलाएंगे।

बिहार के गया जिला के माहकर गांव निवासी जहानाबाद जिले के मखदूमपुर से विधायक मांझी पहली बार कांग्रेस की चंद्रशेखर सिंह की सरकार में 1980 में मंत्री बने थे और उसके बाद बिंदेश्वरी दूबे की सरकार में मंत्री रहे थे।

छह बार विधायक रहे मांझी राजद सरकार में 1990 में मंत्री रहे थे और नवंबर 2005 में बनी नीतीश सरकार में उनको मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी थी। लेकिन एक मामले में नाम आने पर उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था, पर बाद में आरोप मुक्त होने पर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

मांझी वर्तमान सरकार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री हैं।

नीतीश के विश्वस्त माने जाने वाले मांझी ने हालिया लोकसभा चुनाव में गया संसदीय सीट से चुनाव लडा था, लेकिन भाजपा के हरि मांझी के हाथों पराजित हो गए थे। (एजेंसी)

First Published: Monday, May 19, 2014, 21:47

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