Last Updated: Friday, January 24, 2014, 13:53

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सिंहभूम जिले में 13 ग्रामीणों द्वारा एक आदिवासी लड़की से सामूहिक बलात्कार किए जाने की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया । प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एम वाई इकबाल की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई के लिए बैठते ही घटना को लेकर हैरानी जताई और मामले का संज्ञान लिया । पीठ ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला न्यायाधीश को निर्देश दिया कि वह घटनास्थल का दौरा करें और एक हफ्ते के भीतर शीर्ष अदालत के समक्ष रिपोर्ट दायर करें।
बीस वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना लाभपुर गांव में आयोजित पंचायत में ग्राम प्रधान के कथित आदेश पर हुई । पंचायत ने दूसरी बिरादरी के लड़के से उसके प्रेम संबंधों के दंडस्वरूप यह कथित फरमान सुनाया । ‘सालिशी सभा’ (पंचायत) के बाद 21 जनवरी को लड़की से 13 लोगों ने बलात्कार किया । यह आदिवासी लड़की सुरी के एक अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझ रही है। पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों ने पुलिस को दी अपनी तहरीर में कहा कि बर्बरता करने वालों में उसके पिता जितनी उम्र के भी लोग थे ।
लड़की और उसके प्रेमी को पकड़ लिया गया । उन्हें एक पेड़ से बांधकर मारा-पीटा गया । इसके बाद उनसे 50 हजार रूपये का जुर्माना भरने को कहा गया । जुर्माना भरने में लड़की के असमर्थता जताने पर उससे सामूहिक बलात्कार किया गया । मामले में ग्राम प्रधान (जिसे क्षेत्र में ‘मोरोल’ के नाम से जाना जाता है) सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है । बलात्कार कथित तौर पर मोरोल के घर में हुआ । गिरफ्तारी के बाद सभी 13 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है । (एजेंसी)
First Published: Friday, January 24, 2014, 11:15