आम आदमी पार्टी के चलते नई रणनीति बनाने में जुटी बीजेपी

आम आदमी पार्टी के चलते नई रणनीति बनाने में जुटी बीजेपी

लखनऊ/मुजफ्फरनगर : आम आदमी पार्टी (आप) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में चुनावी रणनीति पर नए सिरे से मंथन में जुट गई है। राज्य में पार्टी टिकट आवंटन को लेकर भी नए सिरे से विचार किया जा रहा है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पार्टी मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए 7-8 जनवरी को लखनऊ में बैठक बुलाई गई है, जिसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही आगरा में भी 11 जनवरी को बैठक की जाएगी।

भाजपा इस क्रम में पश्चिमी उप्र में 11 जनवरी से स्वच्छ छवि के बेदाग उम्मीदवारों को ढूंढ़ने का अभियान शुरू करने जा रही है। इसके अंतर्गत पार्टी नेता जनपद में आकर गंभीरता से टिकट के दावेदारों का परीक्षण करेंगे और उनकी सामाजिक छवि के साथ-साथ यह भी पता लगाएंगे कि उनकी छवि आपराधिक तो नहीं है, या उन पर किसी तरह का मुकदमा तो नहीं है। इतना ही नहीं, पार्टी उम्मीदवार के बारे में स्थानीय लोगों के विचार भी जानना चाहेगी। सूत्रों ने बताया कि राज्य में भाजपा के चिंतन के कई बिंदु हैं। पार्टी चाहती है कि उम्मीदवार सरल छवि वाला और हर दृष्टिकोण से साफ-सुथरा हो। पार्टी यह भी पता लगाएगी कि कहीं पार्टी उम्मीदवार की छवि पर व्यक्तिगत रूप से उसके परिवार या उसके किसी निकट संबंधियों की छवि का असर तो नहीं पड़ेगा।

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा राज्य में अपनी तैयारी में काफी तेजी दिखा रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को मिली अभूतपूर्व सफलता और अरविंद केजरीवाल के दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरह चारों तरफ भ्रष्टाचार, अपराधमुक्त एवं साफ छवि का मुद्दा छाया हुआ है, उसका असर उप्र में भाजपा के टिकट दावेदारों पर भी दिखाई देने लगा है। भाजपा भी अब इसी रणनीति के तहत अपने उम्मीदवारों के चयन का मन बना रही है। जातिगत समीकरणों के साथ ही सभी वर्गो के चयन को लेकर पार्टी चाहती है कि पूरी तरह से बेदाग व्यक्तियों को ही राज्य में लोकसभा का टिकट दिया जाए।

देश में जिस तरह साफ छवि एवं बेदाग उम्मीदवारों की चर्चा लोकप्रिय हुई है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि न सिर्फ भाजपा बल्कि राज्य में इसका सीधा नुकसान सपा व बसपा को भी हो सकता है। भाजपा भावी लोकसभा प्रत्याशियों की समीक्षा के लिए आगरा में 11 जनवरी से एक अभियान शुरू करने जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार जो प्रत्याशी पश्चिमी उप्र से टिकट मांग रहे हैं, उनकी छवि को लेकर प्रत्येक बिंदु पर गहन समीक्षा की जाएगी। आगरा के बाद 12 जनवरी को मथुरा, 13 जनवरी को अलीगढ़, 14 जनवरी को मुरादाबाद, 15 जनवरी को बागपत और 16 जनवरी को मुजफ्फरनगर में भी इस तरह की समीक्षा आयोजित की जाएगी। इस समीक्षा अभियान में भाजपा के बड़े नेताओं के साथ ही स्थानीय स्तर के नेता, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक एवं अन्य नेता आपस में बैठक कर तय करेंगे कि कार्यकर्ताओं व जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, पारदर्शी तरीके से भागीदारी व सहमति के आधार पर एवं जातिगत समीकरणों को साधते हुए किस तरह सही प्रत्याशी का चयन किया जाए।

भाजपा नेता नरेश सिरोही ने बताया कि इन बैठकों का उद्देश्य यही है कि साफ छवि के लोगों को पार्टी का टिकट दिया जाए और इसमें जनभावना का पूरा ध्यान रखने के साथ ही उम्मीदवार की स्वच्छ छवि को भी ध्यान में रखा जाए। (एजेंसी)

First Published: Monday, January 6, 2014, 10:11

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