Last Updated: Monday, January 20, 2014, 12:22
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: दिल्ली में नर्सरी स्कूल एडमिशन मामले में प्राइवेट स्कूल को करारा झटका लगा है। दिल्ली में नर्सरी में दाखिले के लिए नए नियमों को चुनौती देने वाली प्राइवेट स्कूलों की अपील को सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में नर्सरी दाखिले के लिए उपराज्यपाल के दिशा-निर्देश जारी रहेंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर की गाइडलाइंस जारी रखने का फैसला सुनाया है। नर्सरी स्कूल के एडमिशन को लेकऱ हाइकोर्ट की डबल बेंच ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने निजी स्कूलों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि एलजी की गाइडलाइंस के तहत ही एडमिशन किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि स्कूलों की स्वायत्ता एक बड़ा मुद्दा है। इसे विस्तृत तौर पर डील करने की जरूरत है।
गौर हो कि नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया पहले 15 जनवरी से शुरू होनी थी, लेकिन प्राइवेट स्कूलों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी, जिसकी वजह से इसे रोक दिया गया था। सूत्रों के अनुसार दाखिले की प्रक्रिया देरी से शुरू होने के बावजूद अभिभावकों को पूरा वक्त दिया जाएगा।
नई गाइडलाइंस के प्रावधानपहली कैटेगरी के तहत स्कूलों को पहले की तरह 25 फीसदी सीटों पर ईडब्ल्यूएस कोटे के बच्चों को एडमिशन देना होगा। 5 फीसदी सीटें स्टाफ कोटे के लिए तय की गई हैं। इन पर स्कूल कर्मचारियों और शिक्षकों के बच्चों को एडमिशन देना होगा। अगर कोटा फुल नहीं होता है तो बची हुई बाकी सीटें ओपन सीटों में तब्दील हो जाएंगी। को-एजुकेशन स्कूलों में पांच फीसदी सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित करनी होंगी।
इन सीटों पर एडमिशन लॉटरी सिस्टम से होंगे। हालांकि इस कोटे के तहत स्कूल के 8 किलोमीटर के दायरे में रहने वाली लड़कियों का ही लॉटरी के जरिए एडमिशन किया जाएगा। इसके अलावा अल्पसंख्यक स्कूलों में भी 25 फीसदी सीटें ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आरक्षित करने की बात कही गई है।
First Published: Monday, January 20, 2014, 12:07