Last Updated: Tuesday, February 11, 2014, 22:34
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने यहां रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बुधवार को यह कहते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी लाचारी जाहिर की कि वह बहुत कुछ नहीं कर सकती क्योंकि पुलिस पर केंद्र का नियंत्रण है।
सरकारी वकील ने मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि जहां तक पुलिस का सवाल है तो यह केंद्र के पास है इसलिए हम बहुत कुछ नहीं कर सकते। अदालत के यहां रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा के मुद्दे पर कल कुछ निर्देश जारी करने की संभावना है।
दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री के रख को दोहराया और कहा कि वह अधिक फॉरेंसिक लैब स्थापित किए जाने, उस क्षेत्र से शहर में आने वाले प्रवासियों से बेहतर व्यवहार करने के लिए लोगों को संवेदनशील बनाने जैसे अन्य कदमों के खिलाफ नहीं है। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि उसकी पूर्वोत्तर के लोगों के लिए हेल्पलाइन की व्यवस्था करने समेत मुद्दे पर कल और निर्देश जारी करने की मंशा है।
अदालत ने कहा कि हम निचली अदालतों से कहेंगे कि इस तरह के खिलाफ घृणा से संबंधित अपराधों के मामले में सुनवाई तेज करें। अदालत ने कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए दो हॉस्टल स्थापित करने के मुद्दे से भी निपटा जाएगा। दिल्ली सरकार, पुलिस, केंद्रीय गृह मंत्रालय, पूर्वोत्तर निवासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने भी इस मुद्दे पर पीठ की ओर से उठाए गए विभिन्न सवालों के जवाब दिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 11, 2014, 22:34