Last Updated: Friday, May 9, 2014, 11:44
नई दिल्ली : वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अर्चना रामसुंदरम ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की पहली महिला अतिरिक्त निदेशक का पदभार संभाल लिया लेकिन तमिलनाडु सरकार ने सीबीआई में शामिल होने से पूर्व कथित रूप से नियमों का पालन नहीं करने को लेकर उन्हें देर रात निलंबित कर दिया।
चेन्नई में राज्य सरकार के गृह (एससी) विभाग के एक आदेश में कहा गया है, चूंकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार किया गया है, तमिलनाडु कैडर की अधिकारी रामसुंदरम को तत्काल प्रभाव से निलंबित रखा जाता है। गुरुवार रात जारी आदेश में कहा गया है कि यह भी आदेश दिया जाता है कि इस आदेश के लागू रहने की अवधि के दौरान टीएमटी (श्रीमती) अर्चना रामसुंदरम, आईपीएस का मुख्यालय, चेन्नई होगा। इसमें कोई और जानकारी नहीं दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि रामसुंदरम को नये पद पर कार्यभार संभालने से पूर्व नियमों का पालन नहीं करने को लेकर निलंबित किया गया है। 56 वर्षीय रामसुंदरम के नाम को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्त संबंधी समिति ने मंजूरी दी थी। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कार्मिक विभाग को उनके नाम की सिफारिश की थी जो एजेंसी के संचालन को देखता है। रामसुंदरम पहली ऐसी महिला हैं जो सीबीआई में अतिरिक्त निदेशक रैंक तक पहुंची हैं। वह एजेंसी की पहली महिला संयुक्त निदेशक भी हैं जिन्होंने 1999 से 2006 के बीच आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों को देखा था जिनमें तेलगी स्टाम्प घोटाला भी शामिल है। लेकिन सीबीआई में अतिरिक्त निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति ने खासा विवाद पैदा कर दिया है क्योंकि इसके चलते सीबीआई की केंद्रीय सतर्कता आयोग तथा गृह मंत्रालय से ठन गई है।
सीवीसी तथा केंद्रीय गृह सचिव ने किसी अन्य अधिकारी के नाम की सिफारिश की थी जिसका सीबीआई निदेशक ने विरोध किया था। अतिरिक्त निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की थी। इसे अदालत ने खारिज कर दिया और कहा कि सीबीआई में किसी व्यक्ति की नियुक्ति संविधान की धारा 226 के तहत, किसी तीसरे पक्ष के कहने पर, एक जनहित याचिका के माध्यम से, हमारे न्यायाधिकार क्षेत्र में न्यायिक समीक्षा का विषय नहीं हो सकती। उनकी नियुक्ति को पत्रकार विनीत नारायण ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र तथा रामसुंदरम को नोटिस जारी कर उनके जवाब मांगे थे।
मामले पर आज सुनवाई होने की संभावना है और संभावना है कि सीबीआई अदालत से जांच एजेंसी को अभियोजित करने की अपील करेगी। सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक पद को ग्रहण करने से पूर्व, राज्य कैडर की 1980 बैच की अधिकारी रामसुंदरम तमिलनाडु यूनीफोम्र्ड सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड की पुलिस महानिदेशक की अध्यक्ष पद पर थीं। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 9, 2014, 11:44