Last Updated: Friday, March 21, 2014, 12:55

रायपुर : छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही यहां के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में घमासान मच गया है। पार्टी के फैसले से जहां झीरम हमले में शहीद वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल के समर्थक नाराज हैं। वहीं, टिकट की आस लगाए नेता अब पार्टी से किनारा कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार हार का सामना कर चुके राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी ने पिछले दिनों यहां लोकसभा की 11 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी, लेकिन इससे कई नेता नाराज हो गए हैं। राज्य में पिछले वर्ष मई महीने में नक्सलियों ने अपने सबसे बड़े हमले को अंजाम देकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत कई वरिष्ठ नेताओं की हत्या कर दी थी। नक्सलियों की गोलियों ने इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल को भी अपना निशाना बनाया था।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में दिनदहाड़े हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रखा दिया था। वहीं, कांग्रेस ने शहीदों का मान रखते हुए वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिजनों को बीते विधानसभा चुनावों में अपना उम्मीदवार बनाया था। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में झीरम घाटी हमले में शहीद प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल को खरसिया विधानसभा सीट से, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से, पूर्व विधायक उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार को राजनांदगांव विधानसभा सीट से तथा कांग्रेस नेता योगेंद्र शर्मा की पत्नी अनिता शर्मा को धरसीवां विधानसभा सीट से टिकट देकर शहीदों की राजनीतिक विरासत को संभालने का मौका दिया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 21, 2014, 12:55