Last Updated: Wednesday, February 12, 2014, 15:56
श्रीनगर: संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरू और जेकेएलएफ संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट की फांसी की बरसी पर हड़ताल के अलगाववादियों के आह्वान और प्रशासन की ओर से लगे कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों के तीन दिन बाद कश्मीर घाटी में जनजीवन सामान्य हो गया है।
तीन दिन तक बंद रहने के बाद श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में दफ्तर, दुकानें और बैंक एवं पेट्रोल पंप समेत व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुल गए हैं। परिवहन सेवाएं भी सभी यात्रामार्गों पर बहाल हो गई।
प्रशासन ने गुरू और भट की बरसी पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की अलगाववादियों की योजना नाकाम करने के लिए रविवार को कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा दिये थे । गुरू को राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल में पिछले साल 9 फरवरी को फांसी दे दी गई थी और जेल के अंदर दफन कर दिया गया था। भट को 11 फरवरी 1984 को फांसी दी गई थी।
अलगाववादियों ने गुरू और भट के अवशेषों की वापसी की अपनी मांग के समर्थन में विरोध रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई थी।
एहतियाती कार्रवाई के तहत हुर्रियत कान्फ्रेंस के अनेक नेताओं को गिरफ्तार किया गया था जबकि कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गीलानी को नजरबंद कर दिया गया था। पथराव की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर तीन दिन का आंदोलन कुल मिला कर शांतिपूर्वक गुजर गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 12, 2014, 15:56