साम्प्रदायिक ताकतें तोड़ देंगी देश का सामाजिक तानाबाना : मुलायम

साम्प्रदायिक ताकतें तोड़ देंगी देश का सामाजिक तानाबाना : मुलायम

साम्प्रदायिक ताकतें तोड़ देंगी देश का सामाजिक तानाबाना : मुलायमलखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती आगामी लोकसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष अथवा फिरकापरस्त ताकतों को चुनने की है और साम्प्रदायिक शक्तियों के सत्ता में आने से देश का सामाजिक तानाबाना टूट जाएगा।

सपा प्रमुख ने यहां मुस्लिम उलमा तथा धर्मगुरुओं से मुलाकात के दौरान कहा कि गुजरात के विकास का झूठ सामने आने के बाद जनता मुसलमानों के कत्लेआम के लिये मोदी को कभी माफ नहीं करेगी। आज देश के समाने सबसे बड़ी चुनौती है कि मतदाता धर्मनिरपेक्ष ताकतों को चुनेंगे या फिरकापरस्त शक्तियों को। उन्होंने कहा कि फिरकापरस्त ताकतों के सत्ता में आने देश की एकता और हिन्दू-मुस्लिम इत्तेहाद पर असर पड़ेगा और सामाजिक तानाबाना टूट जाएगा।

सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा कि सपा हमेशा से कमजोर और अन्याय के शिकार लोगों के साथ खड़ी रही है। उसने समाज के सभी वर्गों के लाभ की योजनाएं शुरू की तो उसके खिलाफ कुप्रचार शुरू हो गया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले से ही कमजोर हो चुकी है। बसपा का कथित भाईचारा पता नहीं कहां गुम हो गया है। भाजपा चालाक और फिरकापरस्त पार्टी है जो उत्तर प्रदेश में मोदी के सहारे सीटें जीतकर सत्ता में आना चाहती है। उसका विकास से कोई मतलब नहीं है। अखिलेश ने कहा कि मुजफ्फरनगर का दंगा भाजपा ने साजिशन भड़काया था लेकिन उस पर दो दिन के अंदर काबू पा लिया गया।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव पर देश की निगाहें लगी हैं। यहां का चुनाव परिणाम देश की राजनीति बदलेगा। सपा प्रमुख के रहते फिरकापरस्त ताकतें अपनी कोशिशों और साजिशों में सफल नहीं होगी। अखिलेश ने मुस्लिम समाज को याद दिलाया कि उनका और सपा प्रमुख का रिश्ता बहुत पुराना और भावनात्मक है। उन्होंने मुसलमानों की आवाज को कभी दबने नहीं दिया। इस बार केन्द्र में तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 19, 2014, 22:06

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