बीएचयू को मिले फर्जी यूजीसी पत्र की जांच शुरू

बीएचयू को मिले फर्जी यूजीसी पत्र की जांच शुरू

वाराणसी : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से कथित रूप से मिले फर्जी पत्र की जांच शुरू कर दी गई है। लंका थाने के प्रभारी अभय सिंह ने आज कहा कि विश्वविद्यालय की शिकायत पर शुक्रवार को पुलिस ने फर्जी पत्र की जांच शुरू की जिसे यहां के अस्सी इलाके से पंजीकृत पोस्ट के माध्यम से भेजा गया था।

यूजीसी के फर्जी पत्र के आधार पर विश्वविद्यालय को अपनी वेबसाइट पर अपलोड की गयी कुछ सूचना को हटाना था। बीएचयू के प्रेस प्रकाशन एवं प्रचार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने कहा, ‘हमें यूजीसी के इस फर्जी पत्र के बारे में जैसे ही पता चला, हमारे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड सूचना को तत्काल हटा दिया गया।’ रवि ने कहा कि पत्र में कहा गया था कि यूजीसी उन कर्मचारियों को पदोन्नति देने को इच्छुक है जो लंबे समय से काम कर रहे हैं और कुछ नई नियुक्तियां करने का भी जिक्र था। उन्होंने कहा कि पत्र की पूरी विषय वस्तु के बारे में उन्हें पता नहीं है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने फर्जी पत्र के आधार पर गलती से अपनी वेबसाइट पर सूचनाएं डाल दी जिसके बाद कई लोगों ने पदोन्नति एवं नियुक्ति के लिए आवेदन किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद विश्वविद्यालय ने यूजीसी से संपर्क किया।

रवि ने कहा कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय को दिए जवाब में कहा, ‘‘बीएचयू को इस तरह का कोई पत्र नहीं भेजा गया’’ और कोई इस तरह का नियम नहीं है जिसके आधार पर पदोन्नति दी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पत्र के आधार पर हाल के समय में कोई भर्ती, चयन, नियुक्ति या पदोन्नति नहीं दी गई। बीएचयू में हर चयन या पदोन्नति यूजीसी के दिशानिर्देशों के मुताबिक हुई।

First Published: Sunday, January 26, 2014, 19:50

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