केजरीवाल के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई से इनकार

केजरीवाल के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई से इनकार

केजरीवाल के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई से इनकार नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक गैर सरकारी संगठन की उस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया, जिसमें उसने 2013 के विधानसभा चुनावों में निर्वाचन आयोग के समक्ष केजरीवाल द्वारा जमा कराए गए शपथ पत्र में कथित तौर पर अनियमितताएं होने का दावा करते हुए उनका नामांकन रद्द करने की मांग की थी।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन और न्यायाधीश राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने मौलिक भारत ट्रस्ट नामक इस एनजीओ को निर्देश दिए कि वह उपयुक्त कार्रवाई के लिए मजिस्ट्रेट अदालत में जाएं।

पीठ ने कहा कि जिस भी राहत की मांग आप इस अदालत से कर रहे हैं, वह इस जनहित याचिका के आधार पर नहीं दी जा सकती। उच्च न्यायालय इसके लिए उपयुक्त मंच नहीं है और आप इसके लिए मजिस्ट्रेट अदालत का रूख कर सकते हैं। अदालत ने यह भी टिप्पणी की, आपके पास एक अच्छा मामला है इसलिए उपयुक्त मजिस्ट्रेट के पास जाइए और अपना मामला उनके सामने रखिए। इसके बाद अगर चुनावी नियमों का कोई उल्लंघन हुआ है तो कार्रवाई की मांग करें।

अपनी याचिका में एनजीओ ने आरोप लगाए थे कि केजरीवाल ने नामांकन भरते समय अपनी संपत्ति और आय की जानकारियों के बारे में गलत शपथपत्र जमा कराकर जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया, नामांकन भरते समय निर्वाचन आयोग के समक्ष जमा कराए गए शपथपत्र में उन्होंने अपने इंदिरापुरम भूखंड के बारे में गलत जानकारियां दी थी। उन्होंने अपनी संपत्ति की कीमत को भी कमतर आंका। उन्होंने इसका बाजार मूल्य 55 लाख रुपये बताया था। संपत्ति की वर्तमान बाजार कीमत लगभग 2.4 करोड़ रुपये है।

केजरीवाल का नामांकन रद्द करवाने के साथ-साथ एनजीओ ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच की भी मांग की। इसके अलावा एनजीओ ने अदालत से ऐसे निर्देश जारी करने के लिए कहा, जिनके तहत एक ऐसी स्थायी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए, जिसमें चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले सभी उम्मीदवारों के शपथपत्रों की जांच और (गलत होने पर) उन पर रोक लगाई जा सके। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 22, 2014, 15:12

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