Last Updated: Friday, February 14, 2014, 00:09
नई दिल्ली : दिल्ली कैबिनेट ने ‘स्वराज विधेयक’ को मंजूरी दे दी है, जिसका मकसद स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए लोगों के हाथों में शक्तियों का विकेन्द्रीकरण करना है।
दिल्ली सरकार की योजना मौजूदा विधानसभा सत्र में जनलोकपाल विधेयक पेश करने के बाद यह विधेयक पेश करने की है। हालांकि, कांग्रेस और भाजपा विधायकों द्वारा विधि मंत्री सोमनाथ भारती के इस्तीफे की मांग करने पर पैदा हुए व्यवधान के चलते विधानसभा सत्र के पहले दिन कोई कामकाज नहीं हो सका।
कल की कैबिनेट बैठक में स्वराज विधेयक पर एक विस्तृत चर्चा भी हुई थी। ‘स्वराज’ पाने के उपाय के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा यह विधेयक वार्ड स्तर पर ‘मोहल्ला सभा’ का गठन कर शक्तियों का विकेन्द्रीकरण करेगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने रविवार को एक बैठक की और स्वराज विधेयक के तौर तरीकों को अंतिम रूप दिया, जिसका मकसद मोहल्ला सभा गठित करना है जहां स्थानीय स्तर पर समस्याओं का हल करने के लिए शक्तियां आम आदमी को दी जाएंगी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एस सी बेहर ने कुछ विशेषज्ञों के साथ इस विधेयक का मसौदा तैयार किया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 14, 2014, 00:09