Last Updated: Friday, March 21, 2014, 19:44
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने एक अंततराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार करने के साथ ही चार लाख रूपये के जाली नोट बरामद किये हैं। यह गिरोह कथित तौर पर जाली नोट की तस्करी में शामिल था।
पुलिस ने बताया कि गिरोह से मिले सभी जाली नोट 1000 रूपये के थे और उनका मुद्रण देश से बाहर हुआ था। इन नोटों की अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में तस्करी की गई थी। पुलिस के अनुसार इस मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान ताजुद्दीन (24), सुरेंद्र कोहली उर्फ दीपक (32), मोहम्मद मुर्तजा उर्फ मामू (55) और पवन तिवारी के रूप में की गई है।
पुलिस उपायुक्त (विशेष इकाई) संजीव कुमार यादव ने कहा, ‘गत 13 मार्च को टैगोर गार्डेन मेट्रो स्टेशन के पास जाल बिछाया गया जहां गिरोह के दो सदस्य नकली नोट सौंपने आये थे। ताजुद्दीन और सुरेंद्र कोहली को पकड़ लिया गया तथा सुरेंद्र कोहली से डेढ़ लाख रूपये के जाली नोट जबकि ताजुद्दीन से 50 हजार रूपये बरामद किये गए थे।’
पूछताछ के दौरान दोनों ने खुलासा किया कि नकली नोट के गिरोह का संचालन पश्चिम बंगाल में एक महिला करती है जो कि इस धंधे में लंबे समय से अपने परिवार के साथ संलिप्त है। उसका पति फिलहाल तिहाड़ केंद्रीय जेल में बंद हैं और वह दिल्ली में नकली नोट के चार मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है।
यादव ने कहा कि यहां तक कि दम्पति का पुत्र भी तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिता-पुत्र ने तिहाड़ जेल के एक कैदी पवन तिवारी को प्रेरित किया कि वह जेल से छूटने के बाद पश्चिम बंगाल में महिला के साथ काम करे। पुलिस ने बताया कि पवन तिवारी पूर्व में आटो चोरी, हथियार कानून आदि के 20 आपराधिक मामलों में शामिल था। वह एक महीने पहले जेल से छूटा।
गिरफ्तार व्यक्तियों ने बताया कि जाली नोट मुख्यत: मोहम्मद मुर्तजा और छोटे नाम के व्यक्तियों से भेजा जाता था। पवन तिवारी और सलीम को जाली नोट की खेप मिलती थी और वे ताजुद्दीन और अन्य को दे देते थे। पुलिस ने बताया कि दोनों के खुलासे के तहत उनके तीसरे सहयोगी पवन तिवारी को मलका गंज से गिरफ्तार करके उसके पास से 1.75 लाख रूपये के जाली नोट बरामद किये गए। मुर्तजा को भी उसी दिन तीस हजारी से गिरफ्तार किया गया। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 21, 2014, 19:44