कांग्रेस के लिए घातक होगा आंध्र प्रदेश का विभाजन: रेड्डी

कांग्रेस के लिए घातक होगा आंध्र प्रदेश का विभाजन: रेड्डी

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने रविवार को दावा किया कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे के फैसले की ‘शून्य’ चुनावी संभावना है और कांग्रेस के लिए यह घातक होगा। उन्होंने कहा कि बंटवारे को रोकने के लिए वह अपने इस्तीफे समेत कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं।

रेड्डी ने एक समाचार-चैनल से बातचीत में कहा, ‘चुनावी संभावना शून्य है, यह दीर्घकाल में आंध्र प्रदेश के लिए घातक होने जा रहा है। उन्होंने (प्रधानमंत्री और सोनिया) समस्या को नहीं समझा, जो मुझे आहत कर रहा है। उन्होंने इस बात को नहीं समझा है कि 20-25 साल के लिए कांग्रेस के लिए इतना वफादार रहने के बाद हम क्यों बगावत कर रहे हैं।’ रेड्डी मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने राज्य के विभाजन का प्रस्ताव करके कितनी गंभीर गलती की है और इससे कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को कितना नुकसान हो सकता है इस बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

रेड्डी ने कहा, ‘हमने दोनों सदनों में राष्ट्रपति के रेफरेंस को खारिज किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय नेता और अन्य इसे संसद में पेश करना चाहते हैं। हम मुद्दे पर जोर देने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं और हम उनसे इसका सम्मान करने को कह रहे हैं और अनुरोध कर रहे हैं।’’

रेड्डी ने कहा कि वह राज्य को अखंड रखने की अपनी लड़ाई के तहत इस्तीफा देने समेत किसी भी संभावित परिणाम के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘इस्तीफा, सत्ता या मुख्यमंत्री पद मेरे लिए लोगों की इच्छा से बड़ा नहीं है। लोगों की इच्छा है कि वे एकजुट रहना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि पार्टी किसी व्यक्ति से बड़ी नहीं है लेकिन लोग पार्टी से बड़े हैं और लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘पद मुझे परेशान नहीं करता है। मैं स्थायी मुख्यमंत्री नहीं हूं। मैं यहां 16 वां मुख्यमंत्री हूं, 17वां, 18 वां या 20 वां मुख्यमंत्री भी होगा। मैं नहीं चाहता कि मेरा राज्य बंटे। जब मैंने अखंड राज्य की लड़ाई शुरू की तो मैं सबकुछ के लिए तैयार हुआ और इसे उठाया। मैं जानता हूं कि मैं क्या कर रहा हूं। मैं लोगों की इच्छा को जानता हूं। मैं उन्हें लोगों की इच्छा दिखा रहा हूं।’

रेड्डी ने कहा कि वह 20 वर्षों से विधायक रहे हैं और वह जो कुछ भी हैं वह कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की वजह से हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के खिलाफ बगावत की तो उन्होंने कहा कि यह ‘अवज्ञा’ है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह इस मुद्दे को उजागर करने के लिए किया गया कि जब किसी राज्य ने विभाजन को खारिज कर दिया है तो केंद्र सरकार या पार्टियों को इसे नहीं उठाना चाहिए।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 9, 2014, 19:27

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