Last Updated: Wednesday, November 20, 2013, 00:28
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के एक वर्ग द्वारा की जा रही हड़ताल के मद्देनजर लोकहित में उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के अधीन प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है।
इस बीच सरकार के कड़े कदम के बाद हड़ताली कर्मचारियों के बीच खलबली मच गई है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में एक बयान कर जानकारी दी है कि सूबे में हड़ताल को निषिद्ध किए जाने सम्बन्धी अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्रवक्ता ने बताया कि अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने की तारीख से लेकर 6 माह की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश के कार्यकलापों से सम्बन्धित किसी लोकसेवा में तथा उत्तर प्रदेश सरकार के स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी निगम की सेवा में तथा किसी स्थानीय प्राधिकारी के अधीन किसी सेवा में हड़ताल को निषिद्ध घोषित किया गया है।
उप्र में वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी पिछले आठ दिनों से लगातार हड़ताल पर थे। हड़ताल की वजह से जहां सरकार को अरबों रुपयों का नुकसान होने की आशंका जताई गई है वहीं दूसरी ओर आम जनजीवन भी खासा प्रभावित हुआ है। सरकार द्वारा एस्मा लागू किये जाने के साथ ही सूबे की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। बुधवार को हड़ताल की स्थिति का जायजा लेने के बाद हड़ताली कर्मचारियों की गिरफ्तारी का दौर शुरू होगा।
एस्मा लागू किए जाने के बाद से हड़ताली कर्मचारियों में खलबली मच गई है। कर्मचारी अब आगे की रणनीति तय करने में जुटे हुए हैं। कर्मचारी संगठनों के नेता गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए हैं। नेताओं को डर है कि पुलिस रात में ही गिरफ्तारी कर सकती है। इस बीच के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुकुल गोयल ने भी पुलिस को अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी कर दिया है। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों एवं जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 20, 2013, 00:28