Last Updated: Thursday, November 28, 2013, 14:23
ज़ी मीडिया ब्यूरोहैदराबाद : हैदराबाद की विशेष सीबीआई अदालत गुरुवार को अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में सात वर्षो की सजा सुनाई है। गौर हो कि हैदराबाद की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था।
सलेम को छद्म रूप धारण करने और जाली दस्तावेज का इस्तेमाल करने के लिए धोखाधड़ी के आरोपों के लिए एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। ये सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी। सीबीआई के वरिष्ठ सरकारी वकील टी वी रमन ने कहा कि इस मामले में सलेम ने लगभग छह साल की सजा पूरी कर ली है। सजा सुनाए जाने के समय सलेम अदालत में मौजूद था। फैसले के बाद उसे जेल अधिकारियों द्वारा वापस मुंबई ले जाया गया।
सलेम ने हैदराबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में जाली दस्तावेज जमा करवाकर रामिल कामिल मलिक की फर्जी पहचान से नकली पासपोर्ट बनवाया था। वर्ष 2001 में कराए गए इस काम में उसे कुछ सरकारी अधिकारियों और गुप्त लोगों का सहयोग मिला था।
इस तरह सलेम के पास कुल तीन पासपोर्ट थे। एक उसकी पत्नी समीरा जुमानी का, दूसरा उसकी साथी और अभिनेत्री मोनिका बेदी का और तीसरा अपना खुद का। सलेम और बेदी को पुर्तगाल में गिरफ्तार किया गया था और वर्ष 2005 में उन्हें भारत को प्रत्यर्पित किया गया था।
आंध्रप्रदेश सरकार ने अक्तूबर 2002 में नकली पासपोर्ट का मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था। 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र वर्ष 2004 में दाखिल किया गया था। कुल आरोपियों में से 7 की निष्पक्ष सुनवाई होने पर दो को दोषमुक्त कर दिया गया। इस गैंगस्टर के खिलाफ मुकदमा वर्ष 2009 में हैदराबाद में शुरू हुआ। तीन आरोपी अभी भी फरार हैं। इसी बीच बचाव पक्ष ने कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
First Published: Thursday, November 28, 2013, 11:49