दिल्ली गैंगरेप : दो दोषियों ने निर्दोष होने का दावा किया

दिल्ली गैंगरेप : दो दोषियों ने निर्दोष होने का दावा किया

नई दिल्ली : राजधानी में 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले में मृत्युदंड पाये चार में से दो दोषियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि उन्हें निचली अदालत ने गलत रूप से दोषी करार दिया क्योंकि वे उस चलती हुई बस में मौजूद नहीं थे जिसमें लड़की के साथ छह लोगों ने कथित बलात्कार किया था।

दोषी ठहराये गये अक्षय ठाकुर और विनय ने न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी के समक्ष लिखित अर्जी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि निचली अदालत के निर्णय को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह कानून के विरूद्ध है।

उन्होंने अपनी अर्जी में कहा, ‘अदालत ने अपना न्यायिक दिमाग लगाये बिना यह आदेश दिया। उसने तथ्यों एवं रिकार्ड के दस्तावों पर विचार नहीं किया तथा मृतका के परिजनों की बात पर गलत तरह से भरोसा किया है।’ पीठ के समक्ष 34 पृष्ठों की यह अर्जी सोमवार को दाखिल की गयी। पीठ ने साढ़े तीन माह तक सुनवाई करने के बाद तीन जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने दोषियों से कहा था कि वे अपने दावों के समर्थन में मामलों की नजीर और लिखित तर्क पेश करें।

पीठ ने निचली अदालत द्वारा भेजे गये संदर्भ पर भी अपना फैसला सुरक्षित रखा। निचली अदालत ने 13 सितंबर को अपने फैसले में अक्षय, विनय, पवन गुप्ता तथा मुकेश को मृत्युदंड का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय को अब मृत्युदंड के फैसले की पुष्टि करनी है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 14, 2014, 19:37

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