Last Updated: Thursday, November 21, 2013, 18:52
पणजी : गोवा सरकार ने गुरुवार को तहलका साप्ताहिक पत्रिका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ एक साथी महिला पत्रकार का यौन शोषण करने के आरोपों की जांच का आदेश दे दिया है। राज्य की पुलिस औपचारिक बयान के लिए पीड़िता से संपर्क साधने की कोशिश कर रही है और तेजपाल को भी संभवत: समन जारी किया जा सकता है।
तेजपाल ने छह माह के लिए पत्रिका के प्रधान संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है। तरुण तेजपाल के खिलाफ लगे सनसनीखेज आरोप सामने आने के बाद से राजनीति और पत्रकारिता जगत में बवंडर खड़ा हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों और पत्रकारों ने तेजपाल की तीखी आलोचना की है और उन्हें आसानी नहीं छोड़े जाने की अपील की है। महिला आयोग ने भी मामले की जांच कराने और तेजपाल को कानून के कठघरे तक ले जाने की मंशा जताई है।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को कहा कि गोवा पुलिस, महिला पत्रकार द्वारा तहलका साप्ताहिक के प्रधान संपादक पर लगाए यौन दुराचार के आरोपों की आरंभिक जांच करेगी। पर्रिकर ने आईएएनएस को बताया कि गोवा में हुई घटना की आरंभिक जांच की जाएगी और आरोप को औपचारिक रूप से दर्ज किया जाएगा।
पर्रिकर ने कहा कि मैंने पुलिस को आरंभिक जांच के लिए कहा है। अभी हमें कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है कि घटना गोवा में हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जांच से पता चलता है कि घटना यहां हुई है तो हम आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगे। गौरतलब है कि तहलका की एक कनिष्ठ महिला सहकर्मी ने तेजपाल पर इसी महीने की शुरुआत में गोवा में आयोजित हुए एक उच्चस्तरीय सम्मेलन के दौरान यौन दुराचार करने का आरोप लगाया है। तेजपाल ने आरोपों से इनकार नहीं किया है, उन्होंने तहलका के प्रधान संपादक पद से इस्तीफा देते हुए, इसे अपने कमोर्ं का प्रायश्चित कहा है।
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को कहा कि समाचार पत्रिका तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल द्वारा एक महिला पत्रकार के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला यदि उनके समक्ष उठाया जाता है, तो वह मामले की जांच करेगा। महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा, "मामला राष्ट्रीय महिला आयोग के पास लाया गया, तो हम जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषी पाए जाने पर आरोपी को सजा हो। उसे अदालत में पेश होना पड़ेगा।
शर्मा ने तेजपाल द्वारा तहलका के मुख्य संपादक के पद से छह महीने के लिए त्यागपत्र देने की घोषणा पर कहा कि तरुण तेजपाल भगवान नहीं हैं, जो खुद अपनी करनी की सजा तय करेंगे। उधर तहलका की प्रबंधक संपादक शोमा चौधरी ने बुधवार को पत्रिका के सभी कर्मचारियों को तेजपाल का संलग्न खत ई-मेल किया।
तेजपाल ने इससे पहले शोमा चौधरी को ई-मेल में लिखा, समझदारी की चूक और परिस्थिति की गलत व्याख्या के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई, जो हमारे विश्वास और संघर्ष के खिलाफ है। उन्होंने लिखा, मैं पहले ही अपने दुर्व्यवहार के लिए बिना शर्त क्षमा मांग चुका हूं, लेकिन मुझे लगता है कि अभी प्रायश्चित बाकी है। इसलिए मैं तहलका के मुख्य संपादक के पद से और कार्यालय से अगले छह महीने के लिए हटने की पेशकश कर रहा हूं। उधर इस मामले के तूल पकड़ने के बाद तेजपाल की तीखी भर्त्सना हुई है।
पूर्व पुलिस अधिकारी और प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने कहा कि कानून की दृष्टि से इस मामले में दो तरह के कदम उठाए जा सकते हैं, पहला तो यह कि तहलका की यौन उत्पीड़न समिति के सामने यह मामला रखा जाए, यदि तहलका में ऐसी कोई समिति है तो ! और मामले की विस्तृत जांच हो। दूसरा यह कि पुलिस अपने विवेक के आधार पर संज्ञान ले और मामले की पूरी छानबीन करे, उस स्थिति में भी यदि पीड़िता प्राथमिकी दर्ज करने को तैयार न हो।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को कहा कि तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल का यौन शोषण का मामला दुष्कर्म के समान है और उसका बचाव नहीं किया जाना चाहिए। एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आज की संशोधित परिभाषा के अनुसार तरुण तेजपाल का काम दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दोनों से ही इस मामले की जांच करने की मांग की। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 21, 2013, 18:52