गुजरात का मछुआरा जिंदा है या...? परिजन पाक जाने को इच्छुक

गुजरात का मछुआरा जिंदा है या...? परिजन पाक जाने को इच्छुक

वड़ोदरा : पाकिस्तान की जेल में बंद गुजरात के एक मछुआरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है और अब उसके परिजनों ने उसके बारे में पता करने के लिए गुजरात जाने का इरादा जताते हुए केंद्र और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से संपर्क कर उनसे मदद मांगी है। जूनागढ़ जिले के कोब गांव के निवासी किशोर मकवाना को 27 जनवरी 2012 को पाकिस्तानी नौवहन अधिकारियों ने कथित तौर पर उनके भूभागीय जल में अवैध तरीके से प्रवेश करने के आरोप में पकड़ लिया था। उसके बारे में दो तरह की चर्चा है।

पाकिस्तान, भारत और गुजरात सरकार के आधिकारिक चैनलों का कहना है कि 21 वर्षीय मकवाना की 4 फरवरी को कराची की लाडली जेल में मौत हो गई। मकवाना के परिजन उसके शव को वापस लाने का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने कहा कि उन्हें 14 फरवरी की तारीख वाला एक पत्र मिला। पत्र उसी जेल के कैदी नारणभाई लक्ष्मणभाई चौहान का है जिसमें मकवाना को रखा गया था। पत्र में लिखा है कि मकवाना ठीक है।

25 फरवरी को मिला यह पत्र नारणभाई लक्ष्मणभाई चौहान ने लिखा है जो मकवाना के गांव के समीप स्थित चिखली गांव का रहने वाला मछुआरा है। मकवाना के भाई हरीश मकवाना ने बताया हमें पाकिस्तान से किशोर का शव भारत आने का इंतजार था। लेकिन तभी हमें चौहान का पत्र मिला जिसमें लिखा है कि किशोर ठीक है। पत्र के हवाले से हरीश ने बताया कि चौहान ने लिखा कि किशोर जेल से भाग गया था लेकिन दस माह बाद उसे पकड़ लिया गया। हम दोनों पाकिस्तान की लाडली जेल में बंद हैं।

हरीश ने कहा, इसलिए मेरे अभिभावक और मैं वहां जा कर अधिकारियों से बात करना चाहते हैं ताकि पता चल सके कि किशोर जीवित है या नहीं। उन्होंने कहा इस सिलसिले में हमने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि वह हमारी मदद करें ताकि हम पाकिस्तान जा सकें। गुजरात मछुआरा संघ के उपाध्यक्ष वेलजीभाई मसानी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने अपने आधिकारिक संवाद में मकवाना की मौत का कारण नहीं बताया है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, March 15, 2014, 12:43

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