Last Updated: Friday, May 9, 2014, 16:49

चंडीगढ़ : हरियाणा में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें निशाना बना रही है और 2012-13 में उनकी ओर से किए गए कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट को दबा कर बैठ कई है क्योंकि उन्होंने इसी दौरान भूमि घोटालों के खिलाफ कार्रवाई की थी तथा राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच भूमि सौदों का दाखिल खारिज रद्द किया था।
केंद्र में प्रतिनियुक्ति की इच्छा जताने वाले खेमका ने हरियाणा के मुख्य सचिव एससी चौधरी को गुरुवार को लिखे एक पत्र में कहा कि केंद्र ने उनका नाम प्रस्ताव सूची में शामिल नहीं किया है क्योंकि 2011-12 और 2012-13 के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट (परफार्मेंस अपरेजल रिपोर्ट) पीएआर गायब है और राज्य सरकार द्वारा सतर्कता मंजूरी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि आरटीआई कानून के तहत एक आवेदन के जरिए मुझे पता चला है कि 01.04.2012 से 15.10.2012 के बीच मेरी पीएआर की समीक्षा नहीं की गई। खेमका ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसा मुझे जानबूझकर निशाना बनाने के लिए किया गया क्योंकि रिपोर्ट का समय वही है जब मैंने कई भूमि घोटालों के खिलाफ कदम उठाए थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 9, 2014, 16:49