Last Updated: Tuesday, October 22, 2013, 17:24

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा दूसरा आरोप-पत्र थमाने की तैयारी के बीच व्हिसलब्लोअर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने आरोप लगाया है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है और ‘खुली सार्वजनिक लूट’ को उजागर करने के मामले में उनका पक्ष सुने बगैर उन्हें सरेआम अपमानित किया जा रहा है ।
गौरतलब है कि खेमका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वड्रा के विवादित जमीन संबंधी सौदों पर सवाल उठाने के बाद चर्चा में आए थे ।
हरियाणा के मुख्य सचिव पी के चौधरी को लिखे गए 11 पन्नों के एक पत्र में खेमका ने मुख्यमंत्री भुपिंदर सिंह हुड्डा के प्रधान सचिव एस एस ढिल्लन पर हमला बोला और आरोप लगाया कि वह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ एकजुट हो गए हैं । खेमका ने आरोप लगाया कि राजनीतिक आकाओं के मन के मुताबिक नहीं चलने की वजह से उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है ।
कई कोशिशों के बावजूद ढिल्लन से संपर्क नहीं हो सका । हालांकि, हरियाणा सरकार के सूत्रों ने बताया कि उन्हें अब तक खेमका का पत्र नहीं मिला है । खेमका ने अपने पत्र में आगे लिखा है, ‘मेरा सबसे बड़ा गुनाह यह है कि मैंने 15 अक्तूबर 2012 को श्री रॉबर्ट वड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल के बीच हुई दाखिल-खारिज को रद्द कर दिया ।’ हरियाणा कैडर के इस अधिकारी ने पिछले साल सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वड्रा और रियल इस्टेट क्षेत्र की जानीमानी कंपनी डीएलएफ के बीच जमीन करार के दाखिल-खारिज को रद्द कर दिया था । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 22, 2013, 17:24