Last Updated: Friday, February 14, 2014, 18:12
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पेश नहीं हुआ है। विधानसभा के स्पीकर एमएस धीर ने यह घोषणा की। हालांकि, स्पीकर ने पहले कहा था कि बिल पेश हो चुका है। केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका लगा है। विधेयक के पक्ष में 27 मत जबकि विपक्ष में 42 मत पड़े हैं। प्रस्ताव के गिरते ही सदन में केजरीवाल के इस्तीफे की मांग ने जोर पकड़ ली है।
इसके पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में अपनी सरकार का विवादित जन लोकपाल विधेयक पेश कर दिया। विधेयक पेश किए जाने की घोषणा होते ही विधानसभा में सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एमएस धीर को घेर लिया और विरोध करने लगे जिससे सदन में हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई। केजरीवाल ने सभी विरोधों और आपत्तियों को दरकिनार करते हुए अंतत: विधानसभा में शुक्रवार को जन लोकपाल विधेयक पेश कर दिया।
विपक्ष के नेता डॉक्टर हर्षवर्धन ने स्पीकर की आलोचना की है और कहा है कि उप राज्यपाल की मनाही के बावूजद बिल जनलोकपाल बिल को कैसे पेश कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बिल को इस तरह से टेबल नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्पीकर जबरदस्ती बिल को पेश नहीं कर सकते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के मोहम्मद आसिफ ने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर एम एस धीर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने विधेयक को संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत मानते हुए अटार्नी जनरल से राय मांगी थी और अटार्नी जनरल ने विधेयक को संविधान के विपरीत बताया था। इसके बाद से इस विधेयक को लेकर विवाद पैदा हो गया और दोनों पक्षों ने संविधान के संबंधित अनुच्छेदों के हवाला देते हुए उचित और संविधानेतर बताते रहे।
केजरीवाल के अड़ियल रवैये को भांपते हुए उपराज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर विधानसभा में विधेयक पेश करने से पहले अनुमति लिए जाने की अनिवार्यता की याद दिलाई थी। इसके बावजूद विधेयक पेश किए जाने के कारण सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने उपराज्यपाल का पत्र विधानसभा के पटल पर रखने, चर्चा कराने और उस पर मतदान की मांग की। विधेयक पेश किए जाने के समय विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। शोरशराबे में केजरीवाल चीख-चीख कर कुछ कहते रहे, लेकिन विपक्ष के शोरशराबे में उनकी आवाज गुम हो गई।
विधानसभा में हुए नाटक के बाद बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी दिल्ली जन लोकपाल विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया गया। अब दूसरे पक्ष से इस पर चर्चा, सार्थक चर्चा करने की उम्मीद है।
इससे पहले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि केजरीवाल सरकार जनता के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है, लेकिन दिल्ली सरकार और विधानसभा अध्यक्ष इन मुद्दों पर बहस नहीं कराना चाहते थे। इसलिए हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि बीजेपी जनलोकपाल को लेकर केजरीवाल से कही ज्यादा गंभीर है।
बीजेपी नेता हर्षवर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल संदिग्ध चरित्र के कानून मंत्री सोमनाथ भारती को क्यों बचाना चाहते हैं। हर्षवर्धन विधानसभा में विदेशी महिलाओं के घर में घुसकर अभद्र व्यवहार करने वाले कानून मंत्री को पद से हटाने और आम आदमी पार्टी के अराजक चेहरे का मुद्दा विधानसभा में उठाने की अनुमति मांग रहे थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इजाजत नहीं दी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Friday, February 14, 2014, 14:48