जयललिता के खिलाफ केस की सुनवाई पर रोक

जयललिता के खिलाफ केस की सुनवाई पर रोक

जयललिता के खिलाफ केस की सुनवाई पर रोकनई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में 18 साल पुराने मुकदमे की सुनवाई पर आज इस मामले के विशेष लोक अभियोजक के अनुरोध पर तीन सप्ताह के लिये रोक लगा दी। विशेष लोक अभियोजक ने अपने उपचार के लिये मुकदमे की सुनवाई पर रोक का अनुरोध किया था।

न्यायमूर्ति बी एस चौहान की अध्यक्षती वाली खंडपीठ ने विशेष अभियोजक जी भवानी सिंह के अनुरोध पर विचार के बाद विशेष अदालत में लंबित मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगायी।

भवानी सिंह ने अपनी बीमारी के आधार पर इस मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये कहा कि उन्हें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। बैंगलुरु स्थित विशेष अदालत ने 14 मार्च को इस मुकदमे की सुनवाई स्थगित करने के अनुरोध पर भवानी सिंह पर 60 हजार रूपए प्रति दिन का अर्थदंड लगाया था। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा विशेष अभियोजक को दी जा रही फीस के आधार पर अर्थदंड की राशि निर्धारित की थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस आदेश के खिलाफ भवानी सिंह को कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 सितंबर को विशेष लोक अभियोजक के पद से भवानी सिंह को बख्रास्त करने का कांग्रेस शासित कर्नाटक सरकार का फैसला निरस्त कर दिया था। भवानी सिंह को भाजपा शासित राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान नियुक्त किया गया था।

अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता पर आरोप है कि उन्होंने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में 1991 से 1996 के बीच 66.65 करोड़ रूपए की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। शीर्ष अदालत ने 2003 में तमिलनाडु में जयललिता के शासन के मद्देनजर इस मुकदमे की स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लिये इसे चेन्नई से बंेगलूर की अदालत में स्थानांतरित किया था। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 7, 2014, 18:48

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