झारखंड सरकार को अस्थिरता का खतरा

झारखंड सरकार को अस्थिरता का खतरा

रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन दे रहे कुछ विधायक लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और उनके जीतने की स्थिति में सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 82 सदस्यीय विधानसभा के आठ सदस्यों ने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है।

आठ में सात सत्तारूढ़ गठबंधन से हैं। इनमें से तीन ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इन तीनों में दो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और एक कांग्रेस से हैं।

झामुमो के दो विधायक हेमलाल मुर्मू और विद्युत बरन महतो ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्हें क्रमश: राजमहल और जमशेदपुर से टिकट दिया गया है। कांग्रेसी नेता चंद्रशेखर दुबे धनबाद सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट से लड़ रहे हैं।

हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन दे रहे चार अन्य विधायक लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। सरकार के दो विधायक बंधु तिर्की और चामरा लिंडा ने अब तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है और वे क्रमश: रांची और लोहरदगा सीट से खड़े हुए हैं।

झामुमो विधायक जगन्नाथ महतो गिरिडीह से चुनाव लड़ रहे हैं। एक अन्य विधायक गीता कोड़ा चाईबासा से उम्मीदवार हैं। गीता पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं।

इधर विपक्षी पार्टियों में सिर्फ झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (झाविमो-प्र) के विधायक प्रदीप यादव गोड्डा से चुनाव लड़ रहे हैं। सीट की बात करें तो सत्तारूढ़ दल के पास 43 विधायक हैं। तीन विधायकों के इस्तीफा देने पर विधानसभा में सदस्य संख्या 79 हो गई है और सत्तारूढ़ सरकार की सीट घट कर 40 हो गई है।

विपक्षी पार्टियों में 39 विधायक हैं। इस स्थिति में अगर हेमंत सरकार के दो विधायक लोकसभा के लिए चुन लिए गए तो यह अल्पमत में आ जाएगी। हेमंत ने भी चुनाव प्रचार के दौरान यह स्वीकारा है कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश चल रही है और उन्होंने पार्टी समर्थकों से किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 26, 2014, 15:17

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