Last Updated: Monday, June 2, 2014, 14:58
ज़ी मीडिया ब्यूरोहैदराबाद : भारत के 29वें राज्य के रूप में आज तेलंगाना अस्तित्व में आ गया और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने इसके पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। इसके साथ ही आंध्रप्रदेश से अलग एक राज्य बनाने के लिए क्षेत्र में चल रहा दशकों पुराना संघर्ष समाप्त हो गया।
60 वर्षीय केसीआर को राजभवन में राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन द्वारा शपथ दिलाई गई। केसीआर के साथ उनके बेटे के टी रामा राव, भतीजे टी हरीश राव और नौ अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। आंध्रप्रदेश के विभाजन की लंबी प्रक्रिया के बाद आए इस ऐतिहासिक अवसर के उपलक्ष्य में राज्यभर में जश्न मनाया जा रहा है।
नए राज्य के मंत्रिमंडल में शामिल जिन अन्य नौ मंत्रियों ने शपथ ली है, उनके नाम हैं- मोहम्मद महमूद अली, टी राजैया, नयनी नरसिंह रेड्डी, इतेला राजेंद्र, पी श्रीनिवास रेड्डी, टी पदमा राव, पी महेंद्र रेड्डी, जोगू रमन्ना और जी जगदीश रेड्डी।
शपथग्रहण समारोह विवादों से अछूता नहीं रहा क्योंकि दूसरे राज्य के भावी मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू इसमें शामिल नहीं हुए। इसे इन दोनों क्षेत्रीय क्षत्रपों के बीच असहमति के शुरुआती संकेतों के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष इस बात से नाराज थे कि न तो उन्हें निजी तौर पर आमंत्रित किया गया और न ही निमंत्रण के लिए कोई फोन ही किया गया। वह प्रशासन की ओर से भेजा गया एक नियमित निमंत्रण था। नायडू को आठ जून को विजयवाड़ा और गंटूर के बीच आयोजित समारोह में आंध्रप्रदेश के दूसरे हिस्से के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेनी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चंद्रशेखर राव को बधाई दी और तेलंगाना के विकास के लिए शुभकामानाएं दी। मोदी ने आज तेलंगाना गठन की सराहना की और राज्य को प्रगति की नई उंचाइयों तक पहुंचने में केंद्र की पूरी सहायता मुहैया कराने का वादा किया। उन्होंने ट्वीट किया, भारत को मिला एक नया राज्य। हम अपने 29 वें राज्य के तौर पर तेलंगाना का स्वागत करते हैं। आगामी वर्षों में हमारी विकास यात्रा में तेलंगाना मजबूती देगा। उन्होंने कहा है, केंद्र राज्य को प्रगति की नयी उंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रदेश की जनता और तेलंगाना सरकार को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाता है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तेलंगाना राज्य के गठन पर इस नए राज्य के लोगों को आज बधाई दी। उमर ने ट्विटर पर लिखा, तेलंगाना के लोगों को बधाई। क्लब 29 में स्वागत है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अलग तेलंगाना राज्य के गठन की पूर्व संध्या पर क्षेत्र की जनता को बधाई दी। सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने ही अलग तेलंगाना राज्य के गठन का फैसला किया था। प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन को भेजे गए अपने संदेश में उन्होंने नए राज्य की जनता के लिए गौरवशाली भविष्य और सतत खुशहाली की कामना की।
तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री बनने पर द्रमुक अध्यक्ष एम करूणानिधि ने टीआरएस प्रमुख चन्द्रशेखर राव बधाई दी। करूणानिधि ने कहा, चुनावों में आपकी जीत और मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई देता हूं। राव की सराहना करते हुये द्रमुक प्रमुख ने कहा कि आपके बुद्धिमत्तापूर्ण फैसले और कठिन एवं ईमानदारी पूर्वक किये गये काम के कारण आप लोगों के दिलों के करीब हैं।
टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में नवगठित तेलंगाना की सरकार को शपथ दिलवाने के लिए एकीकृत आंध्रप्रदेश में लागू राष्ट्रपति शासन को आंशिक रूप से हटा दिया गया था। हालांकि केंद्रीय शासन शेष आंध्रप्रदेश में तब तक जारी रहेगा, जब तक तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं ले लेते।
इससे पहले नरसिम्हन ने तेलंगाना के पहले राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कल्याण ज्योति सेनगुप्ता ने नरसिम्हन को शपथ दिलाई थी। नरसिम्हन तेलंगाना और शेष आंध्रप्रदेश दोनों के संयुक्त राज्यपाल होंगे। तेलंगाना और शेष आंध्रप्रदेश की संयुक्त राजधानी हैदराबाद होगी।
केसीआर ने अपने करियर की शुरूआत मेडक जिले में कांग्रेस पार्टी की युवा शाखा के साथ 1970 के दशक में की थी। उस समय कांग्रेस पार्टी की इस शाखा पर संजय गांधी का नियंत्रण था। केसीआर 1983 में तेदेपा में शामिल हुए और उन्होंने ए मदन मोहन के खिलाफ चुनाव लड़ा। ये चुनाव वे हार गए थे। केसीआर 1985 से 1999 के बीच सिद्धीपेट से लगातार चार विधानसभा चुनाव जीते थे। वे आंध्र विधानसभा में उपाध्यक्ष के पद पर भी रहे।
टीआरएस कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सम्मिलित सरकार का हिस्सा थी। बाद में पार्टी ने गठबंधन से अपना समर्थन यह कहते हुए वापस ले लिया था कि यह गठबंधन अलग तेलंगाना राज्य की उनकी मांग को आगे नहीं बढ़ा रहा है। वर्ष 2004 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और संप्रग-1 की केंद्र सरकार में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बने।
वर्ष 2006 में उन्होंने तेलंगाना मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2009 में उन्होंने महबूबनगर से लोकसभा का उपचुनाव टीआरएस की ओर से लड़ा। पार्टी ने आम चुनाव विपक्षी गठबंधन के तौर पर लड़ा।
तेलंगाना में उत्सव का माहौलतेलंगाना को भारत संघ के 29वें राज्य का दर्जा मिलने के साथ ही सोमवार को क्षेत्र में उत्सव का माहौल देखा गया। तेलंगाना की जनता के 60 साल के संघर्ष और सपने के पूरा होने की खुशी में आसमान लोगों के 'जय तेलंगाना' के नारों से गूंज उठा। तेलंगाना में कुल 10 जिले शामिल हैं।
तेलंगाना गठन की खुशी में महाराष्ट्र से मंगाए गए पटाखे हैदराबाद की मुख्य सड़कों और मुख्य चौराहों पर जलाए गए। लोग लोकप्रिय तेलंगाना धुनों पर सड़कों पर नाचते-गाते देखे गए। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर मोटरसाइकिलों पर सड़कों पर निकले।
जुड़वा शहर कहे जाने वाले हैदराबाद एवं सिकंदराबाद के सीमावर्ती इलाके में हुसैन सागर झील के पास टैंक बंड एवं नेकलेस रोड पर भव्य तरीके से उत्सव मनाया गया।
ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन (जीएचएचसी) ने शहर के मुख्य चौराहों, ऐतिहासिक स्मारकों चारमीनार, गोलकुंडा किला, विधानसभा भवन, राज्य सचिवालय और दूसरे सरकारी भवनों को भव्य तरीके से सजाया। हैदराबाद सहित तेलंगाना के नौ अन्य जिलों में भी भव्य साजसज्जा और समारोह आयोजित किए गए।
राजनीतिक पार्टियों ने भी तेलंगाना गठन के अवसर पर समारोह आयोजित किए। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी मुख्यालय एनटीआर ट्रस्ट भवन पर राष्ट्रध्वज फहराया। नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। कांग्रेस, भाजपा और दूसरी राजनीतिक पार्टियों एवं गैर राजनीतिक तेलंगाना समर्थक संगठनों के मुख्यालयों पर भी उत्सव का माहौल देखा गया।
संसद ने फरवरी महीने में तेलंगाना विधेयक पारित कर आंध्र प्रदेश के विभाजन और पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का फैसला किया था। विभाजन के तहत तेलंगाना में 10 जिले जबकि शेष आंध्र प्रदेश में तटीय आंध्र प्रदेश एवं रायलसीमा (सीमांध्र) के 13 जिले शामिल हैं। तेलंगाना के 10 जिलों में से एक हैदराबाद अगले 10 सालों के लिए दोनों राज्यों की एकीकृत राजधानी होगी।
आंध्र प्रदेश को बांटकर नया तेलंगाना राज्य गठन की मांग को लेकर लंबे समय तक संघर्ष चला और अंतत: नया राज्य आज अस्तित्व में आ गया। टीआरएस ने हाल में तेलंगाना क्षेत्र में आयोजित विधानसभा चुनाव में 119 सीटों 63 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।
First Published: Monday, June 2, 2014, 08:29