Last Updated: Thursday, May 22, 2014, 20:48
जम्मू : केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रभार संभालने के मद्देनजर कश्मीरी पंडितों के एक प्रख्यात संगठन ने गुरुवार को अनुच्छेद 370 को रद्द करने की मांग की ताकि जम्मू कश्मीर में संविधान पूरी तरह से लागू हो सके।
पनून कश्मीर के प्रमुख अश्वनी च्रुंगू ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में नई सरकार के प्रभार संभालने को लेकर कश्मीरी पंडितों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडित कश्मीर में संपूर्ण भारतीय लोकाचार और मौजूदगी चाहते हैं। हम अनुच्छेद 370 की बाधाओं के बगैर जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान को पूरी तरह से लागू होते देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार बदलने के साथ देश के लोगों में अपार उत्साह का संचार हुआ है और काफी उम्मीद जगी है। कश्मीरी पंडितों का विस्थापित समुदाय इस बदलाव को कश्मीर पर केंद्र की सोच में एक आमूल चूल बदलाव के उत्प्रेरक के तौर पर देखता है। गौरतलब है कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 पर अपने रूख को दोहराते हुए कहा था कि इस अनुच्छेद को खत्म करने के लिए वह सभी पक्षों के साथ चर्चा करेगा। इसके अलावा कश्मीरी पंडितों की अपने पैतृक स्थान पर पूरे सम्मान, सुरक्षा और आजीविका के साथ वापसी सुनिश्चित की जाएगी।
कश्मीरी पंडितों के मुद्दों के बारे में गृह मंत्रालय में जागरूकता बढ़ाने की बात करने वाली संसदीय स्थायी समिति की 137 वीं और 179 रिपोर्ट का च्रुगू ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नयी सरकार को विस्थापित कश्मीरी पंडितों में विश्वास बहाली के लिए पर्याप्त आर्थिक एवं अन्य उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे का हल के नारे को कश्मीरी पंडितों के मुद्दे से अलग करने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 22, 2014, 20:48