Last Updated: Tuesday, December 17, 2013, 13:59

कोच्चि: केरल हाईकोर्ट ने बलात्कार करने के बाद एक 23-वर्षीय युवती को चलते रेलगाड़ी से धकेल कर उसकी हत्या कर देने के करीब छह साल पुराने मामले के दोषी को फास्ट ट्रैक अदालत से सुनाई गई सजाए मौत की मंगलवार को पुष्टि कर दी।
न्यायमूर्ति टी. रामचन्द्रन नायर और न्यायमूर्ति बी. कमाल पाशा ने त्रिशूर की फास्ट ट्रैक अदालत से गोविंदाचामी को सुनाई गई सजाए मौत की यह कहते हुए पुष्टि कर दी कि इस मामले में हस्तक्षेप करने को बिल्कुल कुछ नहीं है। उच्च न्यायालय ने इस मामले पर भारतीय रेल की ‘ढीली-ढाली’ प्रतिक्रिया और ट्रेन में साथ सफर कर रहे मुसाफिरों के रूख की भी आलोचना की। पीड़िता अर्नाकुलम से अपने घर शोरनुर लौट रही थी। इसी दौरान अर्नाकुलम में यह घटना हुई।
खंडपीठ ने इंगित किया कि ट्रेन के महिला डिब्बे में कोई सुरक्षा नहीं है और इस घटना के बाद भी यह डिब्बा रेलगाड़ी के पिछले छोर में लगाया जाता है। अदालत ने सलाह दी कि महिला डिब्बा बीच में रखा जाए और दो महिला गार्र्ड उसकी पहरेदारी के लिए तैनात किए जाएं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 17, 2013, 13:59