Last Updated: Friday, November 1, 2013, 16:59
हैदराबाद : मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि आंध्रप्रदेश बड़े राज्य के रूप में ठोस प्रगति हासिल करने में सक्षम था और उम्मीद जताई कि यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी।
आंध्रप्रदेश स्थापना दिवस समारोह पर रेड्डी ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एकीकरण की समर्थक थीं और उन्होंने राज्य के बंटवारे के खिलाफ अपने विचार रखे। कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अलग तेलंगाना का समर्थन करने के बावजूद रेड्डी एकीकृत आंध्रप्रदेश के पक्षधर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘राज्य और यहां के लोग अनिश्चितता में हैं। इस तरह का भ्रम बना हुआ है कि हम स्थापना दिवस समारोह फिर मना पाएंगे अथवा नहीं। मैं ‘तेलुगु थल्ली’ (तेलुगु मां) से प्रार्थना करता हूं कि त्योहार इसी तरह जारी रहे।’ उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी एकीकरण की पुरजोर समर्थक रहीं। रेड्डी ने कहा कि आंध्रप्रदेश से चुनाव लड़ने की उनकी पहल यहां के लोगों में उनके विश्वास को दर्शाता है।
रेड्डी ने कहा, ‘गांधी ने 21 दिसम्बर 1972 को संसद में कहा था कि आंध्रप्रदेश के भविष्य पर अगले सौ वर्षों की योजना बनाकर विचार किया जाना चाहिए।’ रेड्डी ने कहा, ‘उन्होंने ‘विशाल आंध्र’ (एकीकृत आंध्र) का नारा दिया जो अब भी मेरे कानों में गूंजता है और मैं भी एकीकरण का समर्थक हूं।’ रेड्डी ने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तेलुगु बोलने वाले लोगों के लिए एक नवम्बर 1956 को राज्य की स्थापना की थी और आंध्रप्रदेश से पी.वी. नरसिम्हाराव और नीलम संजीव रेड्डी जैसे नेताओं ने पूरे देश का नेतृत्व किया।
रेड्डी ने कहा कि आंध्रप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसका गठन समान भाषा के आधार पर हुआ था। इस मांग के लिए पोट्टी श्रीरामुलु ने अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी और बोरगुला रामकृष्ण राव ने मुख्यमंत्री का पद त्याग दिया। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 1, 2013, 16:59