Last Updated: Monday, October 14, 2013, 12:48
कोलकाता: पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव के अंतिम दिन मूसलाधार बारिश के बावजूद देवी दुर्गा को अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए लोग पूजा पंडालों में एकत्रित हुए। सोमवार को विजयादशमी के मौके पर पश्चिम बंगाल स्थित तालाबों, झीलों व नदियों में लोगों ने देवी दुर्गा व उनकी चार संतानों लक्ष्मी, सरस्वति, गणेश और कार्तिक को नम आखों से विदाई दी।
विवाहित महिलाओं ने लाल और सफेद साड़ियां पहन परंपरागत विधि-विधान से `सिंदूर खेला` खेला और एक-दूसरे को लाल सिंदूर लगाया। इसके साथ ही अपने घरों से देवी दुर्गा व उनके कुटुंब की लंबी यात्री की तैयारियां की। पृष्ठभूमि में ढाक (पारंपरिक ढोल) बजाए गए।
मूर्ति विसर्जन के दौरान गंगा के घाटों और अन्य जलाशयों पर `बोलो दुर्गा मां की जय` के मंत्रोच्चारण से माहौल उत्सवमय हो गया था। अगले वर्ष मां के दोबारा लौटने की कामना कर बच्चे, युवा व बुजुर्ग प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए एकजुट हुए। लोगों ने देवी को मिष्ठान का भोग लगाया और उनके कुटुंब की सलामती की प्रार्थना की। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 14, 2013, 12:48